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रीवा

MP: विंध्य के बिगड़े हालात, लाखों लोग घरों में कैद, सेना ने संभाला मोर्चा

रीवा जिले के आधा सैकड़ा गांव बाढ़ से घिरे, अब तक चार की मौत, सतना में टमस, सतना नदी उफान पर, बकिया बैराज के गेट खोले गए, दूसरे शहरों से टूटा संपर्क।

रीवाAug 17, 2016 / 07:20 pm

suresh mishra

Front took over army

Front took over army


सतना। विंध्य में जारी भारी बारिश से एक बार फिर हालात बिगड़ गए हैं। इस बार रीवा संवेदनशील हो गया है। जहां के आधा सैकड़ा से अधिक गांव बाढ़ जैसे हालात से सामना कर रहे हैं। चार दिन से चल रही बारिश के कारण लाखों लोग घरों में कैद हो गए है। सुरक्षा की द्रष्टि से रीवा जिला प्रशासन ने सेना की 2 कंपनी की मांग की है। जो रीवा पहुंच चुकी है।

उधर रीवा शहर में भी सड़कों पर तीन से चार फिट तक पानी बहने से 45 में से 35 वार्डों का आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। विंध्य की सभी नदियां उफान पर हैं। केन नदी पर बने 90 साल पुराने पुल में होल दिखने के बाद डर का माहौल बना है। इसके अलावा दो दर्जन से अधिक पुल पुलियों के डूब जाने से आवागमन पर असर पड़ा है।

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(चित्रकूट में भी बाढ़ से तबाही के हालात हैं.)

बारिश और बाढ़ के बनते हालात को देखते हुए रीवा जिले की स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है। सतना, सीधी और पन्ना में भी बारिश का कहर जारी है। अब तक दो लोगों की मौत हुई है। सीधी में एक शिक्षक नाले में बह गए जिनका कुछ पता नहीं चला है। वहीं सतना के जैतवारा में मकान ढहने से एक महिला व पन्ना में एक वृद्धा की मौत हो गई।

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Front took over army

शहर से लेकर गांवों तक खौफ
रीवा शहर में बाढ़ का पानी घुसने से दहशतजदा लोग रतजगा करने को मजबूर हैं। शहर के 45 में से 35 वार्डों की दो लाख से अधिक आबादी बाढ़ जैसी स्थिति से जूझ रही है। जिनके घर के निचले हिस्से में पानी भर चुका है। आलम यह है कि सोने के लिए घर पर जगह नहीं बची है।

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ग्रामीण इलाकों के हालात खराब
बारिश अभी लगातार जारी है जिससे स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। रीवा जिले के ग्रामीण इलाकों के हालात खराब हैं। रीवा-लालगांव, रीवा-डभौरा, रीवा-सेमरिया, नईगढ़ी-सोहागी सहित कई मार्गों के बंद हो जाने से आवागमन प्रभावित हुआ है। नदी-नालों के किनारे बसे आधा सैकड़ा से अधिक गांवों में बाढ़ की स्थिति निर्मित हो गई है।

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3-4 फिट बरसाती पानी
मौसम विभाग की जानकारी के अनुसार रीवा जिले में पिछले 24 घंटे में 139.4 मिमी बारिश दर्ज की गई है। जो अप्रत्याशित है। इससे नदी नालों में उफान आने से बस्तियों का पानी घरों में घुस रहा है। रीवा शहर में हालत यह है कि सड़कें ही नाले बन गए हैं। जिन पर 3-4 फिट बरसाती पानी का तेज बहाव दहशत फैला रहा है। रीवा शहर की करीब दो लाख आबादी जल प्लवन की स्थिति से जूझ रही है। हालांकि जिला प्रशासन की मदद के लिए एसडीआरएफ की टीम जबलपुर से रीवा पहुंच गई है।

City water-water

बांध बढ़ा रहे मुश्किल
इस भारी बारिश के बीच बांध भी रीवा और सतना जिले की मुश्किल बढ़ा रहे हैं। टमस नदी पर बने बकिया बराज के 14 गेट खोले गए हैं। जिससे रीवा जिले के सेमरिया क्षे9 का सड़क संपर्क टूट गया है। इसके अलावा टमस का जलस्तर बढऩे से जवा और त्योंथर तहसील क्षेत्र में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। उधर उत्तरप्रदेश के मेजा के 2 गेट, अदवा बांध के 3 गेट, रीवा जिले के बीहर बैराज के 4 गेट खोल दिए गए हैं। सिरसी डैम में जलस्तर बढ़ गया। यह पूरी जलराशि टमस में जाकर मिल रही है।

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22 राहत शिविर बनाए
प्रशासन के द्वारा राहत कार्य शुरू कर दिया गया है। तराई क्षेत्रमें 22 राहत शिविर बनाए गए हैं। बाढ़ क्षेत्र के घरों को खाली कराकर लोगों को राहत शिविर भेजा जा रहा है। आपदा प्रबंधन कक्ष से पल-पल की रिपोर्ट ली जा रही है। कलेक्टर ने जिले में स्कूलों में दो दिन का अवकाश घोषित कर दिया है। मौसम विभाग के मुताबिक एक सप्ताह में जिले में 10.84 इंच (274 मिमी) बारिश हो चुकी है, जो तीन साल में सबसे ज्यादा बारिश का रिकार्ड है।

नदियों ने तलाशे नए रास्ते

रीवा शहर में बिछिया-बीहर नदी उफान पर है। तराई क्षेत्र में टमस, महाना और बेलन नदी उफान पर हैं। त्योंथर के कोनिया, गहरवार गांव चारों ओर से पानी से घिर गए हैं, यहां पांच घर बारिश की वजह से ढह गए हैं। शहरी क्षेत्र में एक दर्जन मोहल्लों में भीषण जलभराव है। बीहर पर बना निपनिया पुल डूब गया है। यहां आवागमन बंद कर दिया गया है।

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