इसके चारों तरफ मस्जिद बनी हुई है जिसमें हज के लिए आने वाले मुस्लिम जायरीन अल्लाह की इबादत करते हैं और अपने गुनाहों के लिए माफी मांगते हैं।
मक्का में ही पैगंबर साहब के चरण चिन्ह भी मौजूद हैं। इन्हें भक्तों के दर्शनार्थ रखा गया है। सभी वहां पर जाकर इनके दर्शन कर अपने आपको धन्य समझते हैं।
मक्का में ही एक कुआ भी है जिसका पानी कभी नहीं सूखता। जायरीनों के लिए चौबीसों घंटे इस कुएं से पानी निकाला जाता है। इस पानी को पवित्र मान कर इसे विभिन्नय उपयोगों में लिया जाता है।
आज से लगभग 70 वर्ष पूर्व मक्का ऎसा दिखता था। वहां तब काले लिहाफ से ढ़का चौकोर कमरा नहीं हुआ करता था वरन खुला हुआ एक स्थान था जहां सभी अल्लाह की इबादत करते थे।
अंदर से ऎसा दिखता है मक्का