रतलाम। बडऩगर के रास्ते फतेहाबाद से होकर इंदौर जाने वाली रतलाम-इंदौर ट्रैक की स्पीड 120 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेन के चलने लायक होने वाली है। इस ट्रैक की जांच के लिए आरडीएसओ लखनऊ का दल विशेष ट्रेन लेकर रतलाम शुक्रवार दोपहर को पहुंचा। इसके अलावा दल ने नागदा से रतलाम तक के ट्रैक की जांच की व इसे गुणवत्ता के मामले में तीन माह पूर्व हुई जांच के मुकाबले एक प्रतिशत बेहतर सुधार बताया।
अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन के सेक्शन इंजीनियर एेके पांडे ने पत्रिका को बताया कि विशेष रेलपथ अभिलेख यान का कार्य देशभर के अलग-अलग सेक्शन में तीन माह में एक बार ट्रैक की जांच करना होता है। ट्रैक की गुणवत्ता व उसकी सुरक्षा को देखा जाता है। इसमे गेज, पटरी का क्रासलेवल आदि की जांच ट्रैक जिमेट्री इन्डेक्य बनाती है। सही मायनों में कहा जाए तो पटरी की हेल्थ इससे पता चलती है। इसको 180 केपीएमएचएस से लेकर 310 केपीएमएचएस तक जांचा जाता है।
एलएचबी कोच है आरडीएसको
जिस विशेष ट्रेन से नागदा-रतलाम व रतलाम-इंदौर तक के सेक्शन में पटरी की गुणवत्ता 120 की स्पीड के लिए देखी गई, उसके कोच एलएचबी स्तर के है। तीन माह में एक बार ट्रैक की जांच होती है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार इस बार जांच का विशेष महत्व है। रतलाम-इंदौर ट्रैक की स्पीड अजमेर-इंदौर सहित अन्य ट्रेन के लिए 120 किमी प्रतिघ्ंाटे की रफ्तार करना है। इसलिए ट्रैक की जांच का विशेष महत्व है। हालाकि अधिकारी के अनुसार नागदा-रतलाम के बीच ट्रैक में एक प्रतिशत का सुधार हुआ है।
तीन माह बाद और बेहतर होगी
अधिकारी के अनुसार अगले तीन माह बाद इस समय आरडीएसओ द्वारा की जा रही जांच से भी बेहतर नतीजे वाली जांच होगी। इसकी वजह एलएचबी कोच में और उच्च गुणवत्ती की मशीन लगेगी। दल में सेक्शन इंजीनियर शैलेंद्र साहु के अलावा अन्य करीब 12 कर्मचारी भी साथ में आए है।