पीएम मोदी नाराज तो सरकार ने दिखाई तेजी, जगदलपुर से रावघाट रेलमार्ग के लिए अनुबंध
वे इस बारे में 27 जनवरी को एक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए परियोजना के
भागीदारों से जुड़ी जानकारी लेकर दिशा-निर्देश भी देने वाले हैं।
railway engine on Rowghat track
रायपुर. मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को जगदलपुर से रावघाट तक 142 किलोमीटर रेलमार्ग के निर्माण के लिए राज्य और भारत सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों के बीच शेयर होल्डिंग अनुबंध किया गया। इस अनुबंध के साथ ही जगदलपुर-रावघाट रेल परियोजना के लिए विशेष प्रायोजन संस्था के रुप में छत्तीसगढ़ दक्षिण रेलवे प्राइवेट लिमिटेड नाम से एक संयुक्त उपक्रम कंपनी का गठन भी कर लिया गया।
गौरतलब है कि दल्ली राजहरा- रावघाट से जगदलपुर तक कुल 235 किलोमीटर तक रेल लाइन बिछाई जानी है। पहले चरण में लगभग 93 किलोमीटर का काम शुरू हो गया है। दूसरे चरण में 142 किलोमीटर लाइन की सुस्ती से प्रधानमंत्री नाराज हंै। वे इस बारे में 27 जनवरी को एक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए परियोजना के भागीदारों से जुड़ी जानकारी लेकर दिशा-निर्देश भी देने वाले हैं।
इधर, सरकार ने दूसरे चरण के निर्माण के लिए राष्ट्रीय खनिज विकास निगम के साथ 43 फीसदी, रेल मंत्रालय के उपक्रम इरकॉन इंटर नेशनल लिमिटेड के साथ 26, इस्पात मंत्रालय के उपक्रम भारतीय इस्पात प्राधिकरण से 21 और राज्य के खनिज विकास निगम की 10 फीसदी भागीदारी के साथ संयुक्त उपक्रम का गठन कर लिया है।
2000 करोड़ का खर्च
दूसरे चरण में रेल मार्ग के लिए दो हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस मार्ग पर 32 मध्यम श्रेणी के और 172 छोटे पुलों का निर्माण भी होगा। रेल मार्ग पर 12 स्टेशन और सात क्रासिंग स्टेशन होंगे। रेल लाइन के लिए लगभग 876 हेक्टयेर जमीन
की जरूरत होगी।
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