स्पीड ट्रेन के लिए पहले तैयार होगा ट्रायल ट्रैक, 200 की रफ्तार से दौड़ेगा इंजन
उरकुरा से भाटापारा के बीच रेल लाइन पर हाई स्पीड ट्रेन चलाने की डगर इतनी
आसान नहीं है। इस सुविधा के लिए यात्रियों को अगले पांच सालों तक इंतजार
करना पड़ेगा…
रायपुर. उरकुरा से भाटापारा के बीच रेल लाइन पर हाई स्पीड ट्रेन चलाने की डगर इतनी आसान नहीं है। इस सुविधा के लिए यात्रियों को अगले पांच सालों तक इंतजार करना पड़ेगा। लेकिन ट्रायल ट्रैक तैयार करने की दिशा में रेलवे आगे बढ़ रहा है। यह तय हो गया कि उरकुरा से भाटापारा के बीच हाई स्पीड ट्रैक बनाया जाएगा, जिसमें 200 किमी रफ्तार चलने वाले इंजन का ट्रायल होगा। इसके बाद रेलवे लाइन और दोनों तरफ लोहे की जाली से घेरने का काम शुरू होगा।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने अपने पहले रेल बजट में नागपुर से बिलासपुर के बीच जो हाई स्पीड ट्रेन चलाने की घोषणा की थी, उस पर रायपुर रेल मंडल ने काम शुरू कर दिया है। इसके लिए ड्राइंग तैयार कर बिलासपुर जोन को भेज दिया गया है, जिसमें ट्रैक दुरुस्त करने के साथ ही दोनों तरफ लोहे की जाली लगाने का काम शामिल है। ताकि बसाहट वाले क्षेत्रों में कोई दुर्घटना न हो सके।
रायपुर-दुर्ग के बीच अधिक दिक्कत
सर्वे से यह साफ हो गया है कि रायपुर से दुर्ग के बीच सबसे अधिक दिक्कत आएगी, इन दोनों शहरों के बीच अभी कई स्थानों पर रेल लाइन आड़ी-तिरछी है, जिसे सीधा करना पड़ेगा। इसमें रेलवे प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ेगी, क्योंकि हावड़ा-मुंबई रूट की मुख्य लाइन होने से गाडि़यों का परिचालन सबसे अधिक प्रभावित होगा।
बढ़ानी पड़ेगी पटरी की क्षमता
रेल अफसरों का मानना है कि यह रेल लाइन हाई स्पीड लायक नहीं है। अभी इसकी क्षमता केवल 120 से 130 किलोमीटर प्रति घंटा स्पीड की है, जिसमें ट्रेनें 70 से 80 की स्पीड से ही चलाई जाती हैं। पटरी और स्लैब की क्लिपिंग और फिटिंग सिस्टम को दुरुस्त करना पड़ेगा।
लगाना पड़ेगा नया कोच
अभी नागपुर-बिलासपुर इंटरसिटी, रायगढ़-नागपुर जनशताब्दी जैसी गाडि़यों को 160 से 200 किमी के स्पीड से नहीं चलाया जा सकता है। हाई स्पीड ट्रेन के लायक जो कोच हैं, उन्हें या तो मोडिफाइड करना पड़ेगा या फिर नया हाई स्पीड कोच रेलवे बोर्ड देगा, तब यह ट्रेन पटरी पर उतरेगी।
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