रायपुर. प्रदेश में हो रही
मानव तस्करी को लेकर दो मंत्रियों का सुर अलग- अलग है। महिला एवं बाल विकास मंत्री रमशीला साहू का कहना है कि मानव तस्करी बीते जमाने की बात है, अब कहीं कोई तस्करी नहीं होती, वही आदिम जाति कल्याण मंत्री केदार कश्यप का कहना है कि तस्करी की शिकायतें अब भी मिल रही है । इस बारे में वे पुलिस महानिदेशक से चर्चा कर कोई स्थायी उपाय ढूंढने के लिए पहल करने को कहेंगे। इधर, कांग्रेस का आरोप है कि गरीबों और बेरोजगारों के लिए संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन में उदासीनता तथा भ्रष्टाचार की वजह से प्रदेश की बहुसंख्यक आबादी गरीबी और बेकारी से जूझ रही है। यही वजह है कि मानव तस्करी का कारोबार फल-फूल रहा है और उद्योग की शक्ल ले चुका है।
मानव तस्करी पर
“पत्रिका” में खबर के प्रकाशन से हड़कंप मचा हुआ है। शनिवार को मीडिया से चर्चा के दौरान महिला एवं बाल विकास मंत्री रमशीला साहू ने मानव तस्करी से इंकार किया। सरकार ने आदिवासी इलाकों में कई तरह की योजनाएं संचालित कर रखी है। लोग इसका फायदा उठा रहे हैं ऐसे में तस्करी की बात बेमानी है। जबकि आदिम जाति मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि आदिवासी इलाकों से तस्करी की शिकायतें तो मिली हैं। यह गंभीर बात है और वे इस विषय पर 8 जून को अत्याचार निवारण समिति की बैठक में पुलिस महानिदेशक से चर्चा करेंगे।
नहीं दिए तस्करी के आंकड़े सामाजिक कार्यकर्ता अंचल ओझा ने बताया कि उन्होंने सरगुजा क्षेत्र में हो रही मानव तस्करी को लेकर सरगुजा रेंज के पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय से सूचना के अधिकार के तहत 7 जुलाई 2014 को जानकारी मांगी थी, लेकिन उन्हें यह लिखकर दे दिया गया कि जानकारी कार्यालय में उपलब्ध नहीं है। उन्होंने इस बारे में पुलिस महानिदेशक को कई बार पत्र भी लिखा लेकिन उन्हें आंकड़े मुहैया नहीं कराए गए।
औपचारिकता निभा रही सरकार
कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह का आरोप है कि एक तरफ जहां प्रदेश में मानव तस्करी का अवैध करोबार चल रहा है, वहीं दूसरी ओर सरकार सितारा होटल में बेटी बचाओ के लिए कार्यक्रम आयोजित कर औपचारिकता निभा रही है। इससे सरकार का दोहरा चरित्र सामने आ गया है। भाजपा लंबे समय तक सरकार में बने रहने के बाद मानव तस्करी रोक पाने में असफल रही है। उन्होंने कहा कि यह मामला पूरी तरीके से कानून और व्यवस्था से जुड़ा हुआ मामला भी है क्योंकि अवैध तरीके से महानगरों में बेच दी जाने वाली बच्चियों के साथ दुष्कर्म की शिकायतें भी निरंतर मिलती हैं।
तस्करी रोकने के लिए चलेगा अभियान प्रदेश में मानव तस्करी के मामलों को राज्य बाल संरक्षण अधिकार आयोग ने गंभीरता से लिया है। आयोग की अध्यक्ष शताब्दी पाण्डेय ने बताया कि मानव तस्करी को लेकर बोर्ड की बैठक के दौरान चर्चा की गई। आयोग प्रदेश के २७ जिलों में जागरूकता फैलाने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित करेगा।
संगठित गिरोह सक्रिय नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव का आरोप है कि प्रदेश के आदिवासी इलाकों में प्लेसमेंट एजेंसियां अब भी सक्रिय हैं और भोले-भाले युवक-युवतियों को दिल्ली- मुंबई में बेचने का काम कर रही है। सिंहदेव ने कहा कि कुछ दिनों पहले सरकार ने प्लेसमेंट एजेंसियों के संचालन के लिए नियम-कानून बनाया था ताकि वे फल-फूल सकें। यदि सरकार की मंशा ठीक होती तो प्लेसमेंट एजेंसियों का कारोबार बंद करवाया जाता। उन्होंने कहा कि रायगढ़, जशपुर, सरगुजा जैसे जिलों में मानव तस्करी के संगठित गिरोह काम कर रहे हैं।
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