सच्चे मन से भारतीय हूं, खलनायक नहीं बनाएं : माल्या
माल्या ने एक अखबार को दिए साक्षात्कार में कहा है कि वह भारत लौटना चाहते हैं, लेकिन उन्हें लगता है कि अभी इसका सही समय नहीं है
नई दिल्ली/लंदन। बैंकों का 9 हजार करोड़ रुपए का कर्ज देने से बचने के लिए चुपके से विदेश निकलने वाले उद्योगपति विजय माल्या ने कहा है कि वह भारत तो लौटना चाहते हैं, लेकिन उन्हें आशंका है कि उनके साथ निष्पक्ष व्यवहार नहीं
होगा। बंद पड़ी किंगफिशर एयरलाइन के मालिक और राज्यसभा सांसद विजय माल्या दो मार्च को ब्रिटेन चले गए थे। उनके जाने के बाद से ही विपक्ष इसमें सरकार की भूमिका को लेकर हंगामा कर रहा है। उसका आरोप है कि सरकार ने देश
छोडऩे में उद्योगपति की मदद की है।
माल्या ने एक अखबार को दिए साक्षात्कार में कहा है कि वह भारत लौटना चाहते हैं, लेकिन उन्हें लगता है कि अभी इसका सही समय नहीं है। उन्होंने कहा है कि वह सच्चे मन से भारतीय हैं और देश लौटना चाहते हैं, लेकिन उन्हें नहीं पता कि उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए सही मौका मिलेगा या नहीं। उन्हें पहले ही अपराधी करार दे दिया गया है, लेकिन उनका मानना है कि लोग तर्कसंगत तरीके से सोचें कि बिजनेस छोटा हो या बड़ा उसमें खतरा तो रहता ही है।
बैंक ऋण की अदायगी न करने को हल्के में लेते हुए उन्होंने कहा कि यह बिजनेस का मामला है और बैंकों ने भी खतरे का पता होते हुए उन्हें कर्ज दिया था। उन्होंने कहा, Þ मुझे खलनायक न बनाएं, मेरी मंशा अच्छी है। मैं इसलिए चुप हूं क्योंकि
मुझे लगता है कि मेरे शब्दों को भी दूसरों की तरह तोड़ मरोड़ कर पेश किया जाएगा। भारत ने मुझे सब कुछ दिया है। उसने मुझे विजय माल्या बनाया है।
उन्होंने कहा कि यह पहला मौका नहीं है कि वह देश से बाहर आए हैं, लेकिन मीडिया हाउस उनके खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं। माल्या ने कहा कि उन्हें इस बात से निराशा हुई है कि उन जैसे खुले विचारों वाले व्यक्ति को छिपना पड़ रहा है। उन्होंने रविवार सुबह ट्विट कर लिखा कि मीडिया उन्हें ब्रिटेन में रहते हुए भी निशाना बना रहा है।
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