नोएडा. कहते हैं कि साधु हर सुख और दुख से ऊपर उठकर सोचते और अपना काम करते हैं। लेकिन नोटबंदी के असर ने उनका का भी सब्र खत्म कर दिया है। जी हां, नोटबंदी के बाद बैंकों तक में चल रहे कैश क्राइसेस का कुछ अजीब ही असर तब देखने को मिला जब एक बैंक मैनेजर को एक साधु का गुस्सा झेलना पड़ा। साधू इतने बिगड़ गए कि उन्होंने अपने चेलों के साथ मिलकर बैंक मैनेेजर को चांटा मारा और गालियां भी दी। मुश्किल से पुलिस ने साधु को शांत कराया।
बैंक में बेकाबू हुए साधु
शुक्रवार को बागपत के बैंक ऑफ बड़ोदा की शाखा से रुपए निकालने के लिए काफी भीड़ जमा थी। बैंक के अधिकारियों से लोगों से कहा कि कैश पूरी तरह से खत्म हो गया है। अब जब कैश आएगा तो लोगों को रुपया दिया जाएगा। बाहर खड़े लोग काफी नाराज हुए। लेकिन उनमें से एक साधु बैंक के अंदर घुसा और बैंक मैनेजर आरपी सिंह को चांटा मार दिया। बैंक मैनेजर आगे कुछ कहता तो साधु और दो और लोग उनके साथ गाली गलौज करने लगे। बैंक मैनेजर ने तुरंत पुलिस को फोन लगाया।
पुलिस से भी उलझे साधु
बैंक मैनेजर आरपी सिंह ने बताया कि कैश ना होने के कारण वो लोगों को इस बारे में सूचित कर अपने केबिन में आ चुके थे। थोड़ी देर में एक साधु दो लोगों के साथ आया और मेरे साथ हाथापाई की। साधु बार-बार गालियां दे रहा था। साधु मेरी कोई बात सुनने को तैयार ही नहीं था। इसलिए मुझे पुलिस को कॉल करना पड़ा। बैंक मैनेजर ने बताया कि जब पुलिस पहुंची तो साधु पुलिस के साथ भी गाली-गलौज करने पर उतारू हो गया। खैैर पुलिस साधु को अपने साथ लेकर चली गई।
पहले भी हो चुकी है इस तरह की घटनाएं
बैंक में कैश खत्म होने या वर्किंग डे में नो कैश का बोर्ड लगा अंदर से बैंक बंद करने के बाद लोगों का गुस्सा फूटने का ये पहला मामला नहीं हैै। कुछ दिन पहले मेरठ में लोगों ने बैंक के बाहर हंगामा और तोडफ़ोड़ तक कर दी थी। बैंक कर्मचारियों तक को बंधक बना लिया था। लोगों के पथराव में सीओ भी जख्मी हो गए थे। कुछ इसी तरह के हालात देश के बाकी हिस्सों में भी पैदा हो रहे हैं। अब तो लोगों ने हाईवे तक जाम करने शुरू कर दिए हैं।
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