मुजफ्फरनगर। यूपी में 2017 विधानसभा चुनाव के लिए शिवपाल सिंह यादव द्वारा सपा उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करने के कुछ देर बाद ही यू-टर्न ले लिया। सूची में सहारनपुर जिले की रामपुर सीट पर पहले विश्वदयाल छोटन के नाम की घोषणा की गई थी, लेकिन कुछ घंटे बाद ही इसमें फेरबदल करते हुए पूर्व विधायक विमला राकेश को प्रत्याशी घोषित कर दिया गया। इससे जहां सात बार विधायक रह चुकी विमला राकेश के खेमे में खुशी की लहर दौड़ गई है, वहीं छोटन के खेमे में मायूसी छा गई है।
उल्लेखनीय है कि समाजवादी पार्टी की ओर से 2017 विधानसभा चुनाव के लिए जारी प्रत्याशियों की प्रथम सूची में रामपुर सुरक्षित सीट से पहले विश्वदयाल छोटन को टिकट देने की घोषणा की गई थी, लेकिन घोषणा कुद देर बाद ही इस सीट पर पूर्व विधायक विमला राकेश को प्रत्याशी घोषित कर दिया गया। बता दें कि वर्तमान में विमला राकेश, काजी रशीद मसूद के खेमे से हैं तथा चौ. अब्दुल वाहिद काजी की करीबी मानी जाती हैं। यह माना जा रहा है कि जिन पांच प्रत्याशियों की घोषणा की गई है उसमें काजी रशीद मसूद के खेमे से दो प्रत्याशी शामिल हैं। हालांकि संजय गर्ग भी काजी की राजनैतिक पाठशाला में रहे हैं, लेकिन बसपा में जाने के बाद से काजी से करीबियां कम हुईं थीं।
इसलिए कटा टिकट यहां बता दें कि 2012 के विधानसभा चुनाव में भी समाजवादी पार्टी ने विश्वदयाल छोटन को रामपुर से प्रत्याशी बनाया था, लेकिन उन्हें चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद सपा आलाकमान ने फिर से छोटन पर दांव खेला था, लेकिन बाद में जिस प्रकार छोटन के स्थान पर विमला राकेश को टिकट की घोषणा हुई है उससे राजनीतिक कयासों का दौर शुरू हो चुका है।
इसलिए मिला टिकट सपा आलाकमान ने रामपुर सीट पर विश्वदयाल छोटन का टिकट काटकर पूर्व विधायक विमला राकेश को दे दिया है। विमला राकेश इससे पूर्व सात बार विधायक रह चुकी हैं। हालांकि विमला दो बार चुनाव हार भी चुकी हैं। विमला समाजवादी विचारधारा से हैं तथा दलितों में खासी पकड़ रखती हैं। तमाम राजनेताओं की सहयोगी रही विमला अपने सौम्य स्वभाव के कारण राजनीति के क्षेत्र में खासी पकड़ रखती हैं। कई बार जीत के बावजूद विमला को कभी मंत्री पद व लालबत्ती प्राप्त नहीं हो पाई है।
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