स्टेशन पर सुविधाओं की कमी से यात्रियों को हो रही है परेशानी
बिलासपुर-कटनी रेल खण्ड के बीच वेंकटनगर रेलवे स्टेशन स्थित है। यहां से
छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा चालू हो जाती है, वहीं वेंकटनगर रेलवे स्टेशन दो
राज्यों की सीमा रेखा पर होने के कारण यात्रियों का आवागमन भी ज्यादा है
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गौरेला. बिलासपुर-कटनी रेल खण्ड के बीच वेंकटनगर रेलवे स्टेशन स्थित है। यहां से छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा चालू हो जाती है, वहीं वेंकटनगर रेलवे स्टेशन दो राज्यों की सीमा रेखा पर होने के कारण यात्रियों का आवागमन भी ज्यादा है। इसके बावजूद यात्री सुविधाओं का अभाव है। छत्तीसगढ़ व मध्यप्रदेश की सीमा पर वेंकटनगर रेलवे स्टेशन आवागमन का प्रमुख केन्द्र है। यहां आए दिन यात्रियों के साथ टिकट व रिर्जवेशन को लेकर यात्रियों से नोक-झोंक होती रहती है। इससे यात्रियों को काफी परेशानियों से दो चार होना पड़ रहा है। कई बार तो टिकट न मिल पाने व रिजर्वेशन न होने से यात्रियों को अपनी यात्रा तक स्थगित करना पड़ता है। दूसरी ओर टे्रन के आवागमन के सम्बंध में सही जानकारी देने में भी हीलाहवाली करने की शिकायत लोगों को रहती है। बताया जाता है कि सिंगल विन्डो होने और विलंब से टिकट काउन्टर खोलने से नगर व दूरदाज ग्रामीण क्षेत्रों से यात्रा करने आए यात्रियों की लंबी कतार लग जाती है। वेंकटनगर में केवल ट्रेन का 2 मिनट का स्टापेज होने और स्टेशन मास्टर के सुस्त रवैये के चलते कभी-कभी टिकट लेने के चक्कर में यात्रियों की ट्रेन तक छूट जाती है। इससे यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
ओवरब्रिज न होने से लोगों को परेशानी
वेंकटनगर रेलवे स्टेशन आसपास के 10-12 ग्रामों से जुड़ा हुआ है। इन गांवों से काफी तादाद में यात्रियों का आना-जाना प्रतिदिन लगा रहता है। एक ओर वेंकटनगर रेलवे स्टेशन के दोनों ओर आबादी होने के कारण लोगों का रेलवे स्टेशन परिसर से व रेलवे लाइन को क्रास करके ही आना जाना सम्भव हो पाता है। वहीं बिलासपुर-कटनी रेल खण्ड के बीच स्थित होने व यातायात के भारी दबाव होने के कारण यहां पर घण्टों मालगाडिय़ां खड़ी रहती हैं। इससे स्थानीय स्कूली बच्चे, बुजुर्गों, महिलाओं व मरीजों को रेलवे लाइन पार कर के जाना ही एक मात्र विकल्प है। वेंकटनगर मुख्य बाजार, स्कूल, अस्पाताल, बैंक, पोस्ट आफिस, एटीएम व बस स्टैण्ड वेंकटनगर के इस ओर होने के कारण लोगो का हर समय इस ओर आना जाना लगा रहता है। वहीं घंटों गाडिय़ां खड़ी होने के परिणामस्वरूप रेलवे ट्रैक पार करने के लिए लोगों ट्रेप के नीचे से निकलना पड़ता है। इससे हादसे का खतरा बना रहता है।
दो नए प्लेटफार्म बने पर ओवरब्रिज नहीं
लाइन दोहरीकरण के फलस्वरूप वेंकटनगर में दो नए प्लेटफार्म का निर्माण हुआ। बिलासपुर से कटनी की ओर जाने वाली समस्त पैसेंजर गाड़ी प्लेटफार्म नं -2 पर खड़ी होने लगी। यद्यपि टिकट काउन्टर प्लेटफार्म नं. 1 पर है। ऐसे में यात्रियों को एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर जाने की मजबूरी है। इसके बावजूद वहीं ओवरब्रिज नहीं बनाया गया। ऐसे में रेलवे ट्रैक पार कर व गाड़ी खड़ी होने की दशा में उसके नीचे से होकर जाना पवड़ता है। इससे लोगों को काफी परेशानी होती है।
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