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MP के इस स्थान पर आए थे भगवान श्रीकृष्ण, अपने ससुर से लड़ा था युद्ध

महाबली जामवंत त्रेता युग के रामायण काल में भी थे और द्वापर युग के महाभारत काल में। रामायणकाल में वे विष्णु अवतार श्रीराम के प्रमुख सहायकों में से एक थे, वहीं महाभारतकाल में उन्होंने विष्णु अवतार श्रीकृष्ण से युद्ध तक लड़ा…।

Aug 23, 2016 / 03:39 pm

Manish Gite

bhopal to bareli raisen

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महाबली जामवंत त्रेता युग के रामायण काल में भी थे और द्वापर युग के महाभारत काल में। रामायणकाल में वे विष्णु अवतार श्रीराम के प्रमुख सहायकों में से एक थे, वहीं महाभारतकाल में उन्होंने विष्णु अवतार श्रीकृष्ण से युद्ध तक लड़ा, लेकिन आखिर उन्होंने ऐसा क्यों और किस लिए किया…। इसका जवाब mp.patrika.com की इस स्टोरी में दिया जा रहा है। प्रस्तुत है पुराणों और शास्त्रों की यह रोचक कथा…।


प्रवीण श्रीवास्तव. रायसेन. महाभारत काल के बाद भगवान कृष्ण पर एक बार स्यामंतक मणि की चोरी का आरोप लगा था। चोरी के इस कलंक को धोने के लिए भगवान कृष्ण को रीछराज जामवंत का सामना करना पड़ा था।

विभिन्न ग्रंथों में इस बात का जिक्र है कि अपने ऊपर लगे चोरी के कलंक को मिटाने के लिए भगवान कृष्ण ने लगातार 27 दिन तक रीछराज जामवंत से युद्ध किया था। युद्ध का उक्त स्थान रायसेन जिले के कस्बा बरेली से लगभग 15 किमी दूर नेशनल हाईवे पर बसे ग्राम खरगोन से लगभग 2 किमी दूर स्थित गुफा है। जो जामवंत की गुफा के नाम से जानी जाती है। विंध्यांचल पर्वत श्रंखला की एक पहाड़ी में बनी गुफा भगवान कृष्ण और जामवंत के बीच एक लंबे युद्ध की साक्षी है।

यह गुफा महाभारत काल के कईप्रमाणों को समेटे है। कहा जाता है कि 27 दिन के युद्ध के बाद जामवंत ने अपनी पुत्री जामवंती का विवाह भगवान कृष्ण से किया और स्यामंतक मणी उन्हे उपहार के रूप में भेंट की। इस तरह श्रीकृष्ण ने जामवंत से मणि प्राप्त कर अपने ऊपर लगे चोरी के कलंक को धोया। धार्मिक ग्रंथ प्रेमसागर में इसका उल्लेख है।

भागवत महापुराण में भी इस घटना का उल्लेख मिलता है। गुफा के इतिहास को कुरेदने और किवदंतियों की सचाई को जानने कई पुरातत्वविदों ने यहां आकर अध्ययन किया।

फिलहाल देखरेख के अभाव में जामवंत की गुफा संकरी हो चुकी है। इस गुफा के आगे कई और छोटी गुफाएं हैं। इन गुफाओं की श्रंखला प्राकृतिक शिव गुफा पर समाप्त होती है। 


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-भागवत महापुराण में भी उल्लेख है कि 27 दिनों के युद्ध के बाद जामवंत ने अपनी पुत्री जामवंती का विवाह श्रीकृष्ण के साथ कर दिया और स्यमंतक मणि उपहार में कृष्ण को दे दी।
-गुफा के इतिहास को कुरेदने और किंवदंतियों की सच्चाई को जानने कई पुरातत्वविदों ने यहां और अध्ययन किया।
-अपने ऊपर स्यमंतक मणि की चोरी का कलंक मिटाने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने इसी गुफा में जामवंत से युद्ध किया था। धार्मिक ग्रंथ प्रेमसागर में इसका उल्लेख है।

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