नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बांग्लादेश और भारत के बीच उर्जा क्षेत्र में सहयोग को मजबूत बनाने के लिए दोनों देशों के बीच दूसरे बिजली पारेषण ग्रिड और ब्रॉडबैंड नेटवर्क सेवा की शुरुआत करते हुए बांग्लादेश को पूरब का प्रवेश द्वार बताया। मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने वीडियो कान्फ्रेंसिग के जरिए इस बिजली ग्रिड का संयुक्त रूप से लोकार्पण किया। यह पारेषण ग्रिड से त्रिपुरा का सूर्यमणिनगर और बंगलादेश के दक्षिणी कोमिला से सीधे जुड़ जाएगा।
इस अवसर पर दोनों नेताओं ने बंगलादेश के कॉक्स बाजार और अगरतला के बीच 10 जीबीपीएस क्षमता वाली ब्रॉडबैंड इंटरनेट लाइन का भी शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री ने इसे भारत-बंगलादेश संबंधों के लिए ऐतिहासिक क्षण बताते हुए कहा कि मेरी ²ष्टि से यह एक ऐतिहासिक अवसर है। शायद दुनिया में बहुत कम ऐसे अवसर आते होंगे कि आधुनिक विज्ञान के माध्यम से दो देश के प्रधानमंत्री एक राज्य के मुख्यमंत्री के साथ मिल करके किसी योजना का लोकार्पण करते हों। प्रधानमंत्री ने बिजली ग्रिड और इंटरनेट सेवा की अहमियत को रेखांकित करते हुए कहा कि आज बिजली भारत से बांग्लादेश जा रही है। एक नई उर्जा, विकास की उर्जा का यह अवसर है। दूसरी तरफ हमारे पास संचार संपर्क एक नया गेटवे खुल रहा है। अब तक हमारे डिजिटल वर्ल्ड में एंट्री के जो दो हमारे गेटवे थे, एक पश्चिम में था एक दक्षिण में था। लेकिन हमारा पूरब अछूता था। और मैं पूर्व की ओर देखो नीति को ले करके चल रहा हूं। ऐसे में मेरे लिए यह पूरब का गेटवे बहुत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के साथ मिल करके डिजिटल वर्ल्ड का पूरब का गेटवे खुलना यह अपने आप में, भारत के पूर्वी इलाके में और विशेषकर असम, त्रिपुरा और सिक्किम यह हमारा जो अष्ट लक्ष्मी का प्रदेश है, वहां के नौजवानों के लिए यह एक नई चेतना जगाने वाला अवसर बनने वाला है। आज की दुनिया संचार की ताकत पर चलती है। इस ताकत को बढ़ावा देने का यह अवसर है। और इसलिए आपने हमें जो सहयोग दिया, जो सुविधा दी उसके लिए मैं आपका आभार व्यक्ता करता हूं। आज जल हो, थल हो या नभ हो। अब बांग्लादेश और भारत जुड़ते ही चले जा रहे हैं और कंधे से कंधा मिलाकर के आगे चले जा रहे हैं।
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