नई दिल्ली। कोर्ट ने भारत माता की जय नहीं बोलने के मामले में सांसद असद्दुदीन ओवैसी के खिलाफ की गई शिकायत पर कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने पुलिस से 7 मई को कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। स्वराज जनता पार्टी के अध्यक्ष बृजेश चंद शुक्ला ने ओवैसी के खिलाफ देशद्रोह व भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।
कोर्ट में अधिवक्ता राजेश कुमार द्वारा दायर की गई अर्जी में कहा गया है कि हैदराबाद के सांसद का बयान दिखाता है कि वह देश के प्रति वफादार नहीं है और देश की छवि को खराब करना चाहते हैं। उनका यह बयान देशद्रोह के दायरे में आता है। इस पर कड़कड़डूमा जिला कोर्ट ने उत्तरी पूर्वी जिला पुलिस उपायुक्त के माध्यम से यह निर्देश एसएचओ को दिया है कि वे एटीआर दाखिल करें।
गौरतलब है कि एआईएमआईएम के नेता
असादुद्दीन ओवैसी ने महाराष्ट्र के लातूर जिले के उडगीर में आयोजित एक सभा
में कहा था कि वह भारत माता की जय नहीं बोलेंगे। ओवैसी ने कहा कि चाहे मेरे
गले पर चाकू लगा दो पर मैं भारत माता की जय नहीं बोलूंगा। उन्होंने कहा कि
संघ नेताओं के कहने पर वो भारत माता की जय के नारे नहीं लगाएंगे। आरएसएस
प्रमुख मोहन भागवत के बयान के विरोध में ओवैसी ने यह बात कही। भागवत ने
पिछले दिनों सुझाव दिया कि नई पीढ़ी को भारत माता की जय बोलना सीखाना होगा।
जनसभा
को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा था कि मैं वह (भारत माता की जय) का
जयकारा नहीं लगाता। भागवत साहब, आप क्या करने जा रहे हैं। आप यदि मेरी
गर्दन पर छूरी रख दें तो भी मैं यह नारा नहीं लगाऊंगा। ओवैसी ने सभा में
मौजूद लोगों से कहा था कि मैं भारत में रहूंगा पर भारत माता की जय नहीं
बोलूंगा। क्योंकि यह हमारे संविधान में कहीं नहीं लिखा है कि भारत माता की
जय बोलना जरूरी है। औवेसी ने कहा कि चाहे तो मेरे गले पर चाकू लगा दीजिए,
पर भारत माता की जय नहीं बोलूंगा। इसकी आजादी मुझे मेरा संविधान देता है।
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