भाषण को मंजूरी देते हुए ये निर्देश जारी किये गये हैं कि ऐसा कुछ नहीं कहा जाना चाहिए जो पांच राज्यों के मतदाताओं पर असर डालता हो। उन्होंने कहा कि यह नियमित कार्यक्रम है, इसलिए पहले की तरह मंजूरी प्रदान की गयी। आयोग पहले भी विधानसभा चुनावों के दौरान कार्यक्रम के प्रसारण की स्वीकृति देता रहा है। उसने महाराष्ट्र और दिल्ली के विधानसभा चुनावों के दौरान कार्यक्रम के लिए मंजूरी दी थी और कुछ महीने पहले बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भी स्वीकृति दे दी थी।
विपक्ष ने और खासतौर पर कांग्रेस ने चुनाव आयोग से संपर्क साधकर कार्यक्रम पर रोक लगाने की मांग की थी और कहा था कि मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल किया जा सकता है। पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और पुडुचेरी में 4 अप्रैल से चुनाव होने जा रहे हैं। आदर्श आचार संहिता चार मार्च को प्रभाव में आ गयी थी जब आयोग ने चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा की थी।