नई दिल्ली। जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार सेना के जवानों को रेपिस्ट कह कर फंसते नजर आ रहे हैं। कन्हैया के इस बयान के बाद बीजेपी की युवा इकाई बीजेवायएम ने पुलिस में शिकायत दाखिल कर आरोप लगाया है कि कन्हैया ने फिर देश विरोधी बयानबाजी कर अपनी जमानत की शर्तों की अनदेखी की है। बता दें कि कन्हैया ने मंगलवार को कहा था कि हम इस पर बात करेंगे कि कश्मीर में सुरक्षा बलों की ओर से महिलाओं का बलात्कार किया जाता है। उसके इस बयान के बाद सेना की ओर से भी तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली है और अंबाला के पूर्व जवानों ने न सिर्फ इसकी निंदा की है बल्कि उन्होंने डीसीपी अंबाला को लिखित शिकायत देकर FIR दर्ज करने की मांग है।
क्या-क्या बोला था कन्हैया?
महिला दिवस के मौके पर मंगलवार रात छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि चाहे आप मुझे रोकने की कितनी भी कोशिश क्यों न कर लें, हम मानवाधिकार हनन के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करेंगे। हम अफ्सपा के खिलाफ आवाज उठाएंगे।
1. जवानों ने किया बलात्कार-
हमारे सैनिकों के लिए हमारे मन में काफी सम्मान है। लेकिन फिर भी हम इस पर बात करेंगे कि कश्मीर में सुरक्षा बलों की ओर से महिलाओं का बलात्कार किया जाता है। जेएनयू के छात्र नेता ने कहा कि रवांडा में युद्ध के दौरान एक हजार महिलाओं से बलात्कार हुआ। अफ्रीका में जातीय संघर्ष के दौरान जब सेना दूसरे समूह पर हमला करती थी तो पहले महिलाओं से बलात्कार किया जाता था। आप गुजरात का उदाहरण लें, महिलाओं की न सिर्फ हत्या की गई, बल्कि पहले उनसे बलात्कार भी किया गया।
2. 1000 महिलाओं से हुआ रेप-
जेएनयू के छात्र नेता ने कहा कि रवांडा में युद्ध के दौरान 1000 महिलाओं से बलात्कार हुआ। अफ्रीका में जातीय संघर्ष के दौरान जब सेना दूसरे समूह पर हमला करती थी तो पहले महिलाओं से बलात्कार किया जाता था। आप गुजरात का उदाहरण लें, महिलाओं की न सिर्फ हत्या की गई, बल्कि पहले उनसे बलात्कार भी किया गया।
भड़के बयान, की FIR दर्ज कराने की मांग-
अंबाला में पूर्व सैनिकों ने डीसीपी अंबाला को लिखित शिकायत देकर FIR दर्ज करने की मांग है। DCP अंबाला ने की शिकायत मिलने की पुष्टि करते हुए कहा कि कानून के मुताबिक कन्हैया पर कार्रवाई होगी। सैनिकों ने चेतावनी दी है कि कन्हैया पर कार्रवाई नहीं की गई तो पीएम का घेराव किया जाएगा।
दर्ज नहीं हुई एफआईआर, जांच जारी-
वहीं एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि हमने शिकायत प्राप्त की है और मामले की जांच की जा रही है। अब तक कोई प्राथमिकी नहीं दर्ज हुई है। उधर बीजेवायएम ने आरोप लगाते हुए कहा कि अदालत में हलफनामा देने के बाद भी कन्हैया ने एक बार फिर छात्रों की सभा को संबोधित किया और भारतीय थलसेना के खिलाफ जहर उगले। उन्हें कश्मीरी महिलाओं का बलात्कारी करार दिया। बीजेवायएम ने कन्हैया और जेएनयू की प्रोफेसर निवेदिता मेनन के खिलाफ वसंत विहार पुलिस थाने में बुधवार को एक शिकायत दाखिल कर आरोप लगाया कि उन्होंने देश विरोधी नारे लगाए।
मेनन भी देशद्रोह की बात से मुकरीं-
जेएनयू के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के सेंटर फॉर कॉम्पैरेटिव पॉलिटिक्स एंड पॉलिटिकल थ्योरी में अध्यापन करने वालीं मेनन ने कहा कि मैं नहीं मानती कि मैंने जो कुछ कहा वह देश विरोधी था।
क्या बोली कन्हैया की पार्टी?
उधर कन्हैया की पार्टी एआइएसएफ ने कहा है कि उन्होंने दुनिया भर में और न सिर्फ कश्मीर में महिलाओं पर हुई यातनाओं के संदर्भ में यह बात कही थी। उसका मकसद सेना या किसी अन्य को नीचा दिखाना कतई नहीं था और उसने अपने भाषण में इसे स्पष्ट भी किया है।
क्या है एबीवीपी का बयान?
भाजपा-आरएसएस की छात्र शाखा एबीवीपी ने कहा है कि न्यायाधीश ने अपने आदेश में कन्हैया को सलाह दी थी कि वह सीमा पर कुर्बानी दे रहे जवानों के योगदान को न भूले। उसका बयान भारतीय थलसेना पर हमला है।
राजनीति नहीं पढ़ाई है प्राथमिकता-
जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की पहली प्राथमिकता राजनीति नहीं करियर है। फिलहाल उमर और अनिर्बान की रिहाई का संघर्ष तेज करने की योजना है। कन्हैया अभी विश्वविद्यालय पर कथित तौर पर देशद्रोही का ठप्पा लगाए जाने के खिलाफ, अपने दो दोस्तों की रिहाई, देशद्रोह के आरोप व उनके सहित आठ छात्रों के निलंबन को वापस लेने के लिए मुहिम चलाने को तैयार हैं। कन्हैया ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में इसका संकेत दिया कि पिछले दिनों माकपा महासचिव सीताराम येचुरी की घोषणा पर अमल नहीं कर सकेंगे।
क्या सक्रियता और राजनीति के बीच अंतर जानते हैं नायडू?
छात्रों के लिए अभी काफी कुछ किया जाना बाकी है और चुनाव प्रचार के लिए दौरा करने में अधिक समय की जरूरत होगी जो मेरे लिए मुमकिन नहीं है। शोध छात्र ने अपने बारे में दिए गए बयान को लेकर केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू पर भी हमला बोला। नायडू ने कहा था कि जेल से छूटने के बाद कन्हैया मुफ्त के प्रचार का लुत्फ उठा रहा है। कन्हैया ने कहा कि वे नायडू से कहना चाहते हैं कि वे लोग जो कुछ कर रहे हैं वह सक्रियता है, लेकिन जो उनकी सरकार जो कर रही है वह राजनीति है। क्या वे इन दोनों के बीच का अंतर जानते हैं?