मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला न्यायिक हिरासत से रिहा
मणिपुर की जानी मानी मानव अधिकार कार्यकर्ता इरोम चानू शर्मिला मंगलवार को न्यायिक हिरासत से रिहा हो गईं
मणिपुर। कोर्ट के आदेश के बाद मणिपुर की जानी मानी मानव अधिकार कार्यकर्ता इरोम चानू शर्मिला मंगलवार को न्यायिक हिरासत से रिहा हो गईं। लेकिन उन्होंने कहा कि वो अपनी भूख हड़ताल जारी रखेंगी। जब वो जेल में थीं तो उन्हें नाक के रास्ते जबरदस्ती खाना खिलाया जाता था। इंफाल की एक अदालत ने मणिपुरी अधिकार कार्यकर्ता इरोम चानू शर्मिला को न्यायिक हिरासत से रिहा करने का सोमवार को आदेश दिया था, जोकि सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून :अफ्सपा: निरस्त करने की मांग को लेकर 15 वर्षो से भूख हड़ताल पर हैं।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम)(पूर्व) ने शर्मिला को रिहा करने का आदेश दिया जिस पर अफ्सपा निरस्त करने को लेकर दबाव बनाने के वास्ते एक अनिश्चित कालीन अनशन करने के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 309 के तहत आरोप लगाया गया है। अदालत ने शर्मिला को रिहा करने का आदेश देते हुए कहा कि इस महिला के खिलाफ आत्महत्या के प्रयास का कोई सबूत नहीं है।
शर्मिला ने अदालत परिसर में मीडिया से कहा कि उन्हें भरोसा है कि वह लोगों के सहयोग से अफ्सपा निरस्त करने की अपनी मांग प्राप्त कर लेंगी। उन्होंने अपनी मांग के लिए अपना अनशन जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई। शर्मिला को अदालत से यहां स्थित जवाहर लाल नेहरू इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेस वापस ले जाया गया जहां 24 घंटे पुलिस की सुरक्षा रहती है। इससे पहले भी उन्हें कई बार रिहा करने के बाद आत्महत्या के प्रयास में दोबारा गिरफ्तार किया गया है।
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