नई दिल्ली। 17 बैंकों को 9,000 करोड़ रुपए का कर्ज चुकाने के बदले विदेश चले गए कारोबारी विजय माल्या की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। हैदराबाद कोर्ट ने पांच अन्य मामलों में माल्या के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है। वहीं उन्हें 29 मार्च को पेश होने को कहा। उधर, माल्या के बारे में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को अहम सुराग हाथ लगे हैं। इसके मुताबिक, माल्या ने अपने पैसे विदेशों में ट्रांसफर कर दिए हैं। ये पैसे टैक्स हेवेन देशों में ट्रांसफर किए गए हैं।
ईडी के अधिकारी ने बताया कि कर्ज की रकम विदेशी खातों में ट्रांसफर नहीं की जा सकती है। इसलिए माल्या ने रकम को अवैध तरीके से विदेश भेजा है। इस बारे में उन्होंने बैंकों को भी अंधेरे में रखा था। माल्या के पैसों की लेनदेन की जांच ईडी करेगी। वहीं, सीबीआई बैंक लोन से संबंधित फाइलों को अपने कब्जे में ले चुकी है। इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस भी दर्ज किया गया है। वहीं, इंटरपोल उनके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर सकता है।
उधर, सीबीआई शराब कारोबारी और संकटग्रस्त किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक माल्या को मिले लोन की जांच कर रही है। एजेंसी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि जिन बैंकों ने माल्या को कर्ज दिया था, उन पर कोई राजनीतिक दबाव तो नहीं था। सीबीआई को इस बात का शक है कि इस मामले का राजनीतिक संबंध हो सकता है। क्योंकि किंगफिशर एयरलाइंस की माली हालत दयनीय होने के बावजूद बैंकों ने नौ हजार करोड़ रुपये का कर्ज कैसे दे दिया था।
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