नागपुर। बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने भ्रष्टाचार के मामलों में लगातार हो रही वृद्धि पर गंभीर चिंता जाहिर करते हुए नागरिकों से कहा वे इसके खिलाफ आवाज उठाएं। कोर्ट ने कहा कि सरकार अगर भ्रष्टाचार को काबू करने में विफल रहती है तो नागरिक टैक्स अदा न करते हुए एक असहयोग आंदोलन की शुरूआत करें।
भ्रष्टाचार को बड़े सिर वाला राक्षस बताते हुए जस्टिस अरुण चौधरी ने कहा कि यह समय एक साथ आकर अपनी सरकारों को यह बताने का है कि अब अति हो चुकी है और साथ मिलकर भ्रष्टाचार की सड़ांध को खत्म किया जा सकता है। उन्होंने कहा, इसके बावजूद यह जारी रहता है तो असहयोग आंदोलन के तहत टैक्स देना बंद कर देना चाहिए।
जस्टिस चौधरी ने यह बात मातंग समुदाय के उत्थान के लिए बनाए गए लोकशाही अण्णा भाऊ साठे विकास महामंडल में 385 करोड़ रुपए के गबन के मामले की सुनवाई के दौरान कही। साथ ही उन्होंने डीजीपी को समाचार पत्रों में छपे इस तरह के मामलों की सच्चाई जानने और तत्काल कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए।
साथ ही कोर्ट ने विकास महामंडल के भंडारा जिले के जिला प्रबंधक प्रह्लाद पवार के अग्रिम जमानत आवेदन को भी नामंजूर कर दिया। प्रह्लाद पर आरोप है कि उन्होंने एससी कैटिगरी में आने वाले मातंग समुदाय के गरीब सदस्यों में बांटे जाने वाले 24 करोड़ रुपयों का गबन किया है।
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