एक रैंक, एक पेंशन लागू नहीं करने पर सरकार को फटकार
समिति ने कहा है कि उसे समझ में नहीं आ रहा है कि किस कारण से
सरकार यह निर्णय नहीं ले पा रही है और इससे जुडे मुद्दों का समाधान नहीं हो रहा है


नई दिल्ली। संसद की एक समिति ने भूतपूर्व सैनिकों के लिए एक रैंक, एक पेंशन योजना को लागू करने में देरी पर सरकार को आड़े हाथों लेते हुए सोमवार को कहा कि समय सीमा निश्चित कर इसे जल्द से जल्द लागू किया जाना चाहिए।
रक्षा मंत्रालय से संबद्ध संसद की स्थायी समिति की संसद में पेश रिपोर्ट में कहा गया है कि यह खेदजनक है कि प्रधानमंत्री द्वारा वचनबद्धता व्यक्त किए जाने तथा 2014-15 के बजट में एक रैंक, एक पेंशन के लिए 1000 करोड़ रूपए का प्रावधान किए जाने के बावजूद इसे लागू नहीं किया गया है।
समिति ने कहा है कि उसे समझ में नहीं आ रहा है कि किस कारण से सरकार यह निर्णय नहीं ले पा रही है और इससे जुडे मुद्दों का समाधान नहीं हो रहा है। समिति ने सरकार से कहा है कि वह इस योजना से जुडे मुद्दों को जल्द से जल्द सुलझाए और समय सीमा निश्चित कर इसे जल्दी लागू करे।
समिति ने कहा है कि इस मुद्दे पर प्रगति के बारे में उसे जानकारी भी दी जाए। समिति की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सरकार यह सुनिश्चित करे कि सभी लाभार्थियों को समय पर और नए दिशा निर्देशों के अनुसार पूरे लाभ मिलें।
समिति ने एक समाधान तंत्र बनाने को भी कहा है जिससे कि विसंगतियों से जुडे मामलों का निपटारा समय से किया जा सके। रिपोर्ट में कहा गया है कि भूतपूर्व सैनिक लंबे समय से इस योजना को लागू किए जाने का इंतजार कर रहे हैं। समिति ने यह भी कहा है कि पेंशन की गणना के फार्मूले को वेबसाईट पर डाला जा सकता है जिससे कि पारदर्शिता के साथ उन्हें हर जानकारी मिल सके।
समिति को बताया गया कि सरकार ने इस योजना को सैद्धांतिक रूप से स्वीकार कर लिया है और इसके लिए 51 हजार करोड़ रूपए का बजटीय प्रावधान भी किया गया। इस योजना को लागू करने से पहले इसे सचिवों की एक समिति के पास भेजा गया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बारे में संबंधित पक्षों के साथ बैठकें भी हुई, लेकिन लंबे समय के बाद भी विभिन्न मुद्दों का समाधान तथा इस योजना को लागू करने से जुडे तौर तरीकों को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है। इस योजना में समान रैंक और समान अवधि तक सेवा में रहे सैन्यकर्मियों को समान पेंशन देने का प्रावधान किया गया है।
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