लखनऊ. कांग्रेस से समाजवादी पार्टी का गठबंधन होने पर उत्तर प्रदेश में 300 से ज्यादा सीटें जीती जा सकती हैं। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के इस बयान के बाद सूबे में गठबंधन की अटकलें तेज हो गई हैं। दोनों दलों के रिश्ते परवान चढ़ेंगे या नहीं यह सब कुछ सीटों के बंटवारे पर निर्भर करेगा। 2012 के विधानसभा चुनाव में सपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 224 सीटों पर तो कांग्रेस ने 28 सीटों पर विजय हासिल की थी। जानकारों का मानना है कि सीटों के बंटवारे को लेकर दोनों दलों में पेंच फंस सकता है। ऐसे में सपा-कांग्रेस आलाकमान के सामने टिकट बंटवारे को लेकर दिक्कतें बढ़ सकती हैं।
गठबंधन के सवाल पर कांग्रेस दो धड़ों में बंटी नजर आती है। सूत्रों की मानें तो पार्टी के ज्यादातर विधायक गठबंधन के पक्षधर हैं, जबकि संगठन के पदाधिकारी चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव कांग्रेस को अकेले ही लडऩा चाहिए। संगठन का मानना है कि गठबंधन के बाद पार्टी सभी सीटों पर चुनाव नहीं लड़ पाएगी, जिसका नुकसान कांग्रेस को 2019 के लोकसभा चुनाव में उठाना पड़ेगा। क्योंकि उन विधानसभा सीटों पर कांग्रेस कमजोर हो जाएगी।
राजनीति के जानकारों की मानें तो समाजवादी पार्टी को 2017 में वापसी के सामने बसपा और भाजपा के साथ-साथ सेक्युलर वोटों का बंटवारा भी रोकना होगा। ऐसे में सपा को सेक्युलर दलों के साथ मिलकर चुनाव लडऩा होगा। इसे अखिलेश और मुलायम अच्छी तरह से जानते हैं। इसलिए अखिलेश जहां अकेले ही विकास के दम पर सत्ता में वापसी का दंभ भरते थे, अब गठबंधन की हिमायत कर रहे हैं। सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव गठबंधन के पक्ष में हैं। सपा के रजत जयंती समारोह तक मुलायम भी गठबंधन के सपोर्ट में थे। उनके आमंत्रण पर ही देश भर के समाजवादी नेता एक मंच पर एकत्रित हुए थे। लेकिन चार दिन बाद ही सपा सुप्रीमो ने यह कहकर गठबंधन की हवा निकाल दी कि विधानसभा चुनाव में सपा किसी भी दल से गठबंधन नहीं करेगी। कोई दल सपा में विलय करना चाहे तो उस पर विचार किया जाएगा। अब माना जा रहा है कि गैर भाजपा वोटों को रोकने के लिए मुलायम सिंह यादव गठबंधन के मुद्दे पर यू टर्न ले सकते हैं।
‘अच्छे लड़कों’ ने बढ़ाई सपा-कांग्रेस में नजदीकी
किसान यात्रा के दौरान लखनऊ पहुंचे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की तारीफ करते हुए अच्छा लड़का बताया था। इसके बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राहुल गांधी कहा कि राहुल जी बहुत अच्छे इंसान और बहुत अच्छे लड़के हैं। उन्हें यूपी में ज्यादा से ज्यादा आना चाहिए और ज्यादा रहना चाहिए। वह ज्यादा आएंगे तो उनकी उनसे दोस्ती हो जाएगी। इस बयान के बाद से ही सपा और कांग्रेस में गठबंधन की अटकलें शुरू हो गई थीं।
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