लखनऊ.यूपी में लड़कियों से छेड़छाड़ करने वाला बंदर आ गया है। बंदर राह चलती लड़कियों के कभी दुपट्टा खींचता है तो कभी उनका पर्स। कभी उनके सामने छलांग लगाकर बैठ जाता है। बंदरों की हरकतें ऐसी हैं की शोहदे भी शरमा जाएं। ताज़ा मामला लखनऊ और लखनऊ से सटे कानपुर का है।
देश में बढ़ते बंदरों की आबादी से परेशानी खड़ी हो गई है। जंगल कटने की वजह से बंदर शहर के अंदर आ रहे हैं। अब इन शैतान बंदरों की कारस्तानी शहरों के कई इलाकों में दिख रही है। कभी लड़की को छेड़ना तो कभी मर्दों को घुड़की देना। कभी सड़क के कुत्तों को डराना। बंदरों की इन हरकतों को पत्रिका ने कैमरे में कैद कर लिया। Watch Video
दुपट्टा खींचने वाला बंदर लड़कियों को छेड़ने का मामला कानपुर में सामने आई है। यहां एक दुबला पतला बंदर आती जाती लड़कियों को डराता है और उनके कपडे नोचने के लिए झपट्टा ,मारता है। इस नटखट बंदर का शिकार कई महिलाएं हो चुकी हैं। आतंकी बंदर से छुटकारा पाने के लिए लोगों ने वन विभाग से शिकायत की। मामला केशव नगर क्षेत्र का है। साइकिल और बाइक पर कब्जा जमाने वाल बन्दर
लखनऊ में तो बंदरों ने वन विभाग के दफ्तर राणा प्रताप मार्ग पर डेरा जमा लिया है। वन विभाग से चंद क़दमों की दूरी पर कई कार्यालय हैं। यहां अक्सर वानर सेना की टोली ऑफिस को चरों तरफ से घेर लेती है। लोगों का ऑफिस से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। हद तो तब हो जाती है जब लोग अपनी बाइक और साइकिल निकालने पहुँचते हैं तो बंदर उनको अपने गुस्से का शिकार बनाता है।
साइकिल और बाइक पर बैठे रहते हैं बंदर
बंदरों का आतंक इतना अधिक है की ऑफिस के बाहर खड़ी की जाने वाली साइकिलों और बाइक पर पूरे टाइम बंदर बैठे रहते हैं। अगर कोई उनको भगाने की कोशिश करता है तो वह उनको काटने के लिए दौड़ पड़ते हैं। अक्सर बाइक के बैग में रखी चीज़ें भी बंदर बाहर निकाल कर फेंक देता है।
भूख प्यास से बेहाल दुःसाहसी बंदर कुत्तों से भी अक्सर भीड़ जाते हैं। जब कोई कुत्ता उनकी तरफ आता है तो वह अजीब तरह की आवाज़ें निकाल कर अपनी टीम को बुला लेते हैं। बंदरों की वजह से अक्सर राणा प्रताप मार्ग पर अफरा तफरी मच जाती है।
बिल्ली का दोस्त बंदर
खुशमिजाज और उछला कूद करके लोगों को परेशान करने वाले बंदर कभी कभी बेहद संवेदनशील भी बन जाते हैं। एक बंदर की दोस्ती बिल्ली के साथ ऐसी हुई की वह हमेशा उसके साथ ही खेलता नज़र आता है।
वन विभाग से की गई शिकायत बंदरों से परेशान लोगों ने कई बार वन विभाग के कार्यालय में जाकर बंदरों को पकड़ने की गुहार लगाई है। मगर विभाग बंदरों को काबू पाने में असफल है।
कई राज्यों में हो रही बंदरों की नसबंदी बंदरों की संख्या में काबू पाने के लिए हिमांचल, उत्तराखंड सरकार नसबंदी कार्यक्रम चला रही है। उत्तर प्रदेश में भी इस तरह के अभियान की बात की जा रही है। नसबंदी के कार्यक्रम से बंदरों की बढ़ती आबादी रोकी जा सकती है। वन विभाग के एक अधिकारी की मानें तो प्रदेश में बीते तीन साल में बंदरों की संख्या में पांच गुना इजाफा हुआ है।
पडोसी राज्य छोड़ जाते हैं यूपी में अपने बंदर बढ़ते बंदरों की संख्या के बारे में वन विभाग का यह भी तर्क है की पडोसी राज्य उत्तराखंड रात को वाहन में बंदरों को लाकर उत्तराखंड से सटे यूपी के जंगलों में छोड़ जाते हैं। इससे प्रदेश में बंदर बढ़ रहे हैं।
विशेषज्ञ बोले बंदर कर रहे शहर पर कब्ज़ा
वन्यजीव विशेषज्ञ आरएल सिंह ने बताया की इंसान जंगल काट रहा है और जंगल में अपनी घुसपैठ बढ़ा रहा है। इसका नतीजा है की बंदर जैसे वन्यजीव जंगल से बाहर की तरफ भाग रहे हैं। बंदरों के लिए जंगल में खाने के लिए कुछ नहीं बचा। फलदार पेड़ कट चुके हैं। नदियां सूख रही हैं। जंगल के अंदर इंसान कब्ज़ा कर रहे। भूखे-प्यासे बंदर इसी वजह से शहर की तरफ अनजाने में आ रहे हैं। उनको यहां खाने और पीने की सुविधा मिल रही है इसलिए उनको अब शहर रास आने लगा है। अब इन शरारती बंदरों का उत्पात तो इंसानों को झेलना ही पड़ेगा। इंसानों ने उनकी जिंदगी में दखल डाला है।