DRM कार्यालय में हिस्ट्रीशीटर की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या
घायल युवक को ट्रामा में भर्ती कराया गया जहां उसकी सांसे थम गईं हलाकि पुलिस ने उसे सहारा अस्पताल भेज दिया जहां डाक्टरों ने बताया उसकी मौत होने के बाद एडमिट कराने लाया गया था।
लखनऊ. उत्तर प्रदेश की राजधानी में बदमाशों के हौसले दिन-ब-दिन बढ़ते ही जा रहे हैं। गुरुवार दोपहर एक नई वारदात ने हजरतगंज जैसे पॉश इलाके में सनसनी फैला दी। हजरतगंज थाना क्षेत्र के डीआरएम कार्यालय में ठेकेदारी के टेंडर को लेकर हुए विवाद में हिस्ट्रीशीटर ने ठेकेदार को जमकर पीटा। बचाव के दौरान ठेकेदार ने हिस्ट्रीशीटर के गोली मार दी। गोली चलने की आवाज से इलाके में दहशत फैल गई। युवक के गोली मारकर आरोपी हवाई फायरिंग करते हुए असलहा लहराते हुए फरार हो गए।
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राजधानी में बदमाशों के भीतर पुलिस का खौफ नहीं रहा। कई दशकों से हजरतगंज स्थित का डीआरएम कार्यालय गैंगवार का अड्डा बना रहा। जिसके चलते यहां पर टेंडर को लेकर खूनी जंग होती रही। इसी के चलते शुक्रवार को भी टेंडर को लेकर दो गुटों के बीच गैंगवार देखने को मिली। जिसमें एक हिस्ट्रीशीटर की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह सब डीआरएम आफिस के पार्किंग में हुआ वह भी आरपीएफ जवानों की मौजूदगी में। बावजूद इसके हत्यारोपी हवाई फायरिंग करते हुए आराम से निकल गया। बताया जा रहा है कि पुलिस ने आरोपी की इनोवा कार कब्जे में कर ली है जो वह घटना स्थल पर छोड़ कर भागा था। पुलिस को घटना स्थल से एक खोखा भी बरामद हुआ है। फिलहाल पुलिस आरोपी की तलाश में जुट गई है।
यह था पूरा मामला हजरतगंज क्षेत्र स्थित डीआरएम कार्यालय में शुक्रवार को चारबाग रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 6 पर वाशिंग एप्रैल का टेंडर पास होना था। (इस टेंडर के तहत रेलवे ट्रैक पर आरसीसी डाली जाती है ताकि पटरी की सफाई के समय कोई बाधा न आये) का टेंडर पड़ना था। टेंडर डालने के लिए कई ठेकेदार पहुंचे थे। इन्हीं में 26 वर्षीय आशीष पांडेय उर्फ नाटू भी अपने साथी सिद्वार्थ सिंह के साथ गया हुआ था। सूत्र बताते हैं कि टेंडर को लेकर आपराधिक प्रवृत्ति के पप्पू सिंह से आशीष और सिद्वार्थ की कहासुनी होने लगी। उनके बीच बातचीत होती रही और तीनों लोग डीआरएम आफिस के पिछले हिस्से में बनी पार्किंग में जा पहुंचे।
सूत्र बताते हैं कि वहां आशीष पांडेय उर्फ नाटू एवं सिद्वार्थ सिंह ने पप्पू सिंह को पीटना शुरू कर दिया। पप्पू जब जमीन पर गिरा तो उसने पिस्टल निकाल ली और अशीष पांडेय को गोली मार दी। गोली आशीष के बांयी तरफ पेट में जा धंसी जिससे वह लहूलुहान होकर वहीं गिर गया। उधर गोली मारने के बाद पप्पू सिंह ने दहशत फैलाने के लिए एक राउंड और हवाई फायरिंग की फिर पिछले गेट से पैदल ही बाहर निकल गया। जिसके बाद भाग निकला।
डीआरएम आफिस में गोली चलने की सूचना पर आरपीएफ के अधिकारी समेत एसएसपी लखनऊ राजेश पांडेय, एसपी पूर्वी शिवराम यादव समेत भारी पुलिस फोर्स मौके पर पहुंचते इससे पहले घायल आशीष पांडेय के साथी उसे लेकर ट्रामा सेंंटर पहुंचे। जहां उसकी हालत नाजुक देखते हुए उसे तत्काल वहां से सहारा हास्पिटल ले जाया गया। लेकिन कुछ देर बाद आशीष ने दम तोड़ दिया। एसएसपी राजेश पांडेय ने बताया कि घटना स्थल से एक खोखा बरामद किया गया है। टेंडर को लेकर विवाद हुआ था जिसके चलते यह वारदात अंजाम दी गई है। एसएसपी ने बताया कि आरोपी की इनोवा गाड़ी कब्जे में कर उसकी पहचान भी कर ली गई है। जल्द ही उसकी गिरफ्तारी कर ली जाएगी।
बगल में नेताओं के कार्यालय और आवास डीआरएम कार्यालय की पार्किंग में जिस जगहगोली मारी गई है। उसके 50 मीटर पर सड़क के उस पार दारुलशफा है। जहां कई नेताओं पार्टी कार्यालय और निवास हैं। वीआईपी इलाका होने की बजह से इस इलाके में पुलिस का भी पहरा रहता है। जिस समय घटना हुई उस समय आरपीएफ के जवान मौके पर थे उन्होंने मारपीट बीच-बचाव भी किया लेकिन अचानक दबंग गोली मारकर भाग गए। हलाकि गोलीकांड में पुलिस का दावा है कि अपने बचाव आशीष ने गोली चलाई जो उसके स्वयं लग गई।। अगर पुलिस की माने तो गोली लगने के बाद असलहा कहां गया?
हाईटेक पुलिस, पेट्रोलिंग की खुली पोल लखनऊ पुलिस की पेट्रोलिंग और हाईटेक होने का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है। कि पिछले दिनों से कई सनसनीखेज घटनाएं हो गईं चाहे वह सीएम आवास के निकट छात्रा की गैंगरेप के बाद हत्या होया फिर महानगर में किशोरी की रेप के बाद हत्या करके शव फेंकने का मामला हो या तो फिर काकोरी में पड़ी डकैती। यह तो हाल ही की वारदातें हैं इससे पहले भी कई बड़ी वारदातें हो चुकी हैं और पुलिस सिर्फ खाक छान रही है। जुगाड़ी थानाध्यक्षों की वजह से हो रही सरकार की फजीहत राजधानी में ज्यादातर थानों में थानाध्यक्ष जुगाड़ के बल पर कुर्सी पर जमें बैठे हैं। उनके क्षेत्र में लगातार बड़ी वारदातें हो रहीं हैं जिन्हें रोकने में वह नाकाम हैं। इन लापरवाह थानाध्यक्षों की बजह से ही लॉ एंड ऑर्डर की धज्जियां उडी पड़ीं हैं। लेकिन वारदातों के बाद एसएसपी की गाज सिपाहियों पर गिरती है। लापरवाह थानाध्यक्ष कुर्सी पर सत्ता में पहुंच होने के दम पर धाक जमाये बैठे हुए हैं।
आरपीएफ के जवानों ने छायाकारों की गाड़ियां तोड़ी गोलीकांड की कवरेज करने गए प्रतिष्ठित दैनिक अखबार के छायाकार कुलदीप सिंह और आशीष पाण्डेय ने डीआरएम कार्यालय में अपनी-अपनी मोटर साईकिल खड़ी कर दी थी। जब वह दोनों वापस आये तब तक आरपीएफ के जवानों ने उनकी गाड़ियां गिराकर तोड़ दीन। डंडे से शीशे फोड़ दिए। गाड़ी तोड़ने की जानकारी जब छायाकारों ने मांगी तो जवान अभद्रता पर उतर आये। इस दौरान पत्रकार हंगामा करने लगे। मौके पर डीआरएम और हजरतगंज पुलिस पहुंची और सीसीटीवी खंगाले लेकिन वहां लगे सभी कैमरे खराब मिले। डीआरएम कार्यालय में लगे दर्जनभर सीसीटीवी कैमरे खराब उत्तर रेलवे के डीआरएम कार्यालय में लगे दर्जनभर सीसीटीवी कैमरे खराब पड़े हैं। कैमरों की पोल उस समय खुली जब छायाकारों की आरपीएफ के जवानों ने गाड़ियां तोड़ दीं। पुलिस इसकी और गोलीकांड की फुटेज देखने के लिए गई थी लेकिन वहां डीवीआर खराब मिला जिसके चलते कोई रिकॉर्डिंग ही नहीं हो रही थी।
घटना पर बोलने से बचते रहे रेलवे के अधिकारी इस घटना के बारे में जब उत्तर रेलवे के पीआरओ विक्रम से पूछा गया तो वो इस घटना के बारें में साफ-साफ बोलने से बचे उनका कहना है कि अभी कुछ कह पाना कठिन है कि किन कारणों से युवक को गोली मारी गई है। गोली डीआरएम ऑफिर के पीछे मारे गई है जिससे सीसीटीवी में फुटेज नहीं आ सका है। कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरे काम कर रहे हैं।