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लखनऊ

अब बिना परमीशन नहीं कर पाएंगे रैली या जनसभा, जानिए क्या है आदर्श चुनाव आचार संहिता

मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने बताया कि उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर राज्यों में एक साथ चुनाव होंगे…

लखनऊJan 04, 2017 / 01:10 pm

Hariom Dwivedi

Aachar Sanhita

Aachar Sanhita

लखनऊ. यूपी में चुनावी काउंट डाउन शुरू हो गया है। चुनाव आयोग ने तारीखों की घोषणा कर दी है। चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने बताया कि उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर राज्यों में एक साथ चुनाव होंगे। उत्तर प्रदेश में विधानसभा में सात चरणों में विधानसभा चुनाव होंगे। चुनाव का पहला चरण 11 फरवरी को होगा, वहीं अंतिम और सातवां चरण 8 मार्च को होगा। सभी राज्यों में मतगणना 11 मार्च को होगी। इसके साथ ही पांचों राज्यों में राज्यों में आज से ही आचार संहिता लागू हो गई है। 

पूरा शेड्यूल
प्रथम चरण : 73 विस क्षेत्र के 15 जिले- शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर, हाथरस
द्वितीय चरण : 67 विस क्षेत्र के 11 जिले- सहारनपुर, बिजनौर
तीसरा चरण : 69 विस क्षेत्र के 12 जिले- हरदोई, बाराबंकी, सीतापुर
चौथा चरण : 53 विस क्षेत्र के 12 जिले- प्रतापगढ़, इलाहाबाद, रायबरेली, फतेहुपर
पांचवां चरण : 52 विस क्षेत्र के 11 जिले- बलरामपुर, गोंडा, फैजाबाद अमेठी, बस्‍ती
छठा चरण : 49 विस क्षेत्र के 7 जिले- महाराजगंज, आजमगढ़, बलिया, गोरखपुर
सातवां चरण : 40 विस क्षेत्र के 07 जिले- गाजीपुर, वाराणसी, सोनभद्र, जौनपुर

आदर्श चुनाव आचार संहिता
आदर्श चुनाव आचार संहिता यानी वे नियम जिनका पालन उम्मीदवारों और उनकी पार्टियों के लिए चुनाव के दौरान करना जरूरी है। इन नियमों को राजनीतिक दलों के साथ समन्वय और उनकी सहमति के साथ ही बनाया गया है, ताकि चुनाव के दौरान पारदर्शिता होने के साथ ही सभी राजनीतिक दलों के लिए समान अवसर प्रदान किए जा सकें। चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही संबंधित राज्य में चुनाव आचार संहिता भी लागू हो जाती है और सभी सरकारी कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक निर्वाचन आयोग के कर्मचारी बन जाते हैं। 

आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद प्रत्याशियों और राजनीतिक पार्टियों के चुनाव आयोग के दिशा-निर्देश का ही पालन करना होगा। ये नियम राजनीतिक पार्टी के समन्वय और सहमति के साथ ही बनाए गए हैं। कम शब्दों में समझें तो चुनाव आदर्श आचार संहिता का मतलब है कि देश की कोई भी सरकार (केंद्र या राज्य), मंत्री या अधिकारी नई योजना की शुरुआत या घोषणा नहीं कर सकते। इसके अलावा प्रत्याशी और राजनीतिक दलों को रैली करने, जुलूस निकालने, मीटिंग करने के लिए इजाजत लेनी होगी और इसकी जानकारी पुलिस को देनी होगी। आचार संहिता की मुख्य बातें :

इन पर भी रखना होगा ध्यान
– कोई भी राजनीतिक पार्टी या प्रत्याशी ऐसा कोई काम नहीं करेगा जिससे अलग-अलग समुदायों के बीच वैमनस्य की भावना को बढ़ावा मिले।
– राजनीतिक पार्टी या प्रत्याशियों पर निजी हमले नहीं किए जा जाने चाहिए, हालांकि उनकी नीतिगत आलोचना की जा सकती है।
– मतदाताओं को किसी भी प्रकार के प्रलोभन या किसी धमकी के जरिए वोट देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है।
– मतदान से 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार संबंधी किसी भी तरह की सार्वजनिक रैली और बैठक प्रतिबंधित है।
– मतदान के दिन मतदान केंद्र के 100 मीटर के दायरे में चुनाव प्रचार नहीं किया जा सकता।
– प्रत्याशी या राजनीतिक दल मतदान केंद्रों पर वोटरों को लाने ले जाने के लिए वाहन मुहैया नहीं करा सकते।
– चुनाव प्रचार के दौरान आम लोगों की निजता या व्यक्तित्व का सम्मान होना चाहिए।
– प्रत्याशी या राजनीतिक दल किसी व्यक्ति की निजी संपत्ति का इस्तेमाल उसकी इजाजत के बिना नहीं कर सकते।
– राजनीतिक पार्टियों को सुनिश्चित करना जरूरी है कि उनके कार्यकर्ता दूसरी राजनीतिक पार्टियों की रैली आथवा सभाओं में किसी भी तरह से बाधा नहीं डालेंगे।
– राजनीतिक पार्टी या प्रत्याशी को रैली, जुलूस अथवा मीटिंग करने से पहले स्थानीय पुलिस को जानकारी देकर प्रस्तावित कार्यक्रम का समय और स्थान बताना होगा।
– किसी इलाके में निषेधाज्ञा लागू होने पर इससे छूट पाने के लिए प्रशासन की अनुमति जरूरी होगी।
– किसी भी स्थिति में पुतला जलाने की इजाजत नहीं होगी

सत्ताधारी पार्टी के लिए दिशा-निर्देश
– चुनाव की घोषणा होने के बाद संबंधित सरकार आदर्श चुनाव आचार संहिता के दायरे में आ जाएगी।
– इस दौरान प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री कोई भी नई घोषणा नहीं कर सकते।
– सरकारी दौरों को चुनाव प्रचार के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
– चुनाव प्रचार के लिए सरकारी धन का इस्तेमाल नहीं हो सकता।
– सरकारी मशीनरी, सरकारी वाहन, सरकारी आवास तथा अन्य सुविधाओं का इस्तेमाल चुनाव संबंधी गतिविधियों के लिए प्रतिबंधित है।
– चुनाव आचार संहिता के दौरान सरकार कैबिनेट की बैठक नहीं कर सकती।
– अधिकारियों, कर्मचारियों के तबादले और तैनाती संबंधी मामलों में चुनाव आयोग की अनुमति ली जानी अनिवार्य है।

आयोग की शर्तें
टीवी चैनल पर प्रचार हुआ तो प्रत्याशी के खाते में खर्च दर्ज होगा।
20 हजार से ज्यादा भुगतान चेक से होगा
28 लाख रुपए खर्च कर सकते हैं प्रत्याशी

NOTE:- यहां पर पूरे नियम व शर्तें नहीं हैं। इनके अलावा कुछ और नियम चुनाव आयोग ने बनाए होंगे, उन्हें भी फॉलो करना होगा।

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