7th pay commission :पेंशनर्स खुद जाने अपनी बढ़ी पेंशन और फ़ायदा
पेंशन कैलकुलेट करने के दो अलग स्लैब है। पेंशनरों के लिए एक 1 जनवरी 2016 से पहले जो सेवानिवृत्त हुए और दूसरे वे पेंशनर जो 2006 से पहले सेवानिवृत्त हुए हैं।
लखनऊ। 7 वें वेतन आयोग को हरी झंडी मिलने से लगभग 52 लाख पेंशनर्स को फ़ायदा पहुँचने की उम्मीद है। 1 जनवरी 2016 से एरियर दशहरा से पहले खाते में गिर सकता है। पेंशन कैलकुलेट करने के दो अलग स्लैब है। पेंशनरों के लिए एक 1 जनवरी 2016
से पहले जो सेवानिवृत्त हुए और दूसरे वे पेंशनर जो 2006 से पहले
सेवानिवृत्त हुए हैं।
जो 1 जनवरी 16 से पहले रिटायर हुए हैं, भुगतान मैट्रिक्स में तय किया जाएगा। वेतन बैंड और ग्रेड पे के आधार पर इस आयोग से सिफारिश की जा रही है।
केस 1- जो पेंशनभोगी पिछले 30 मई 2015 को ₹ 79,000 की पेय स्केल पर छठी सीपीसी व्यवस्था के मद्देनज़र सेवानिवृत्त हुए हैं और 3 इन्क्रीमेंट लिए है ( ₹ 67,000 79,000) –
केस 2 -जो पेंशनभोगी 3 जनवरी 1989 को ₹ 4000 की पेय स्केल पर चौथी सीपीसी व्यवस्था के मद्देनज़र सेवानिवृत्त हुए हैं और 9 इन्क्रीमेंट लिए हैं ( 3000-100-3500-125-4500) –
ग्रेच्युटी के संबंध में पहले से ही महंगाई भत्ते वेतन के साथ शामिल किया जा रहा है और इसलिए वहाँ परिलब्धियां से महंगाई भत्ते को छोड़ने के लिए कोई कारण नहीं है। इसलिए हमारा सुझाव है कि पेंशन की गणना के लिए इन चीज़ों को शामिल जरूर करना चाहिए-
-मूल वेतन -किसी भी विशेष वेतन या व्यक्तिगत वेतन, या प्रतिनियुक्ति कर्तव्य भत्ता । –महंगाई भत्ता
–डॉक्टरों के संबंध में गैर का अभ्यास भत्ता। –रेलवे रनिंग स्टाफ के संबंध में चल भत्ता के 75% 1988/12/04 के बाद सेवानिवृत्त।
बतादें मौजूदा समय में न्यूनतम पेंशन और उसे निकालने का तरीका किसी भी पेय कमीशन में स्पष्ट नहीं है। बस यह स्पष्ट है कि न्यूनतम पेंशन, न्यूनतम वेतन का 50% हो। इसलिए यह भी मांग की गयी है कि मिनिमम वेतन स्पष्ट हो जिससे कर्मचारी और उसके परिवार का पालन हो सके।
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