अनदेखी : कोरबा की कमाई से रेलवे के खजाने में करोड़ों
प्रदेश में ऊर्जाधानी के नाम से मशहूर कोरबा से रेलवे साल भर में करोड़ो
रुपए की आय अर्जित करती है। सुविधाओं के नाम पर केवल खानापूर्ति की जाती
है। यहां रेलवे केवल घोषणाओं से ही कार्य चलाता है।
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Overlooked: Korba earning millions in the coffers of the Railways
कोरबा.प्रदेश में ऊर्जाधानी के नाम से मशहूर कोरबा से रेलवे साल भर में करोड़ो रुपए की आय अर्जित करती है। सुविधाओं के नाम पर केवल खानापूर्ति की जाती है। यहां रेलवे केवल घोषणाओं से ही कार्य चलाता है।
पिछले वित्तीय वर्ष में कोरबा से कोयले का परिवहन करके रेलवे ने करीब छह हजार करोड़ रुपए कमाया है। सालाना ढुलाई में आठ फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।एक तरफ ऊर्जाधानी की खनिज संपदा से रेलवे की झोली भर रही है तो दूसरी ओर यहां के लोग यात्री सुविधाओं को लेकर तरस रहे हैं।
रेल प्रशासन यात्रियों की वाजिब मांग को पूरा करने में भी रूचि नहीं ले रहा है। इससे लोगों में नाराजगी है। रेलवे का खजाना भरने में कड़ी मेहनत करने वाले कर्मचारी भी मुलभूत सुविधाओं को लेकर तरस रहे हैं। इलाज के लिए सुविधायुक्त अस्पताल तक नहीं है।
वित्तीय वर्ष 2014- 15 में कोरबा से कोयले का परिवहन करने पर रेलवे को पांच हजार 941 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है। इसमें यात्री किराए से होने वाली आय को जोड़ दिया जाए तो आमदनी करीब पांच हजार 948 करोड़ रुपए पहुंच जाती है। इसके बाद भी रेलवे लोगों की वाजिब मांग को लेकर गंभीर नहीं है।
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