कटनी। शराब दुकानों की नीलामी में फर्जी डीडी कांड मेंं धोखाधड़ी के आरोपी केनरा बैंक के डीजीएम अशोक कुमार साहू की अग्रिम जमानत याचिका एडीजे एके शुक्ला की अदालत ने खारिज कर दी है। डीजीएम ने अधिवक्ता के माध्यम से जमानत याचिका दायर की थी, जिसका पुलिस ने विरोध किया। उधर, अमले की कमी से जूझ रहे आबकारी विभाग ने शराब दुकानों के संचालन के लिए कलेक्टर से बल की मांग की है। इसके बाद दोनों विभागों को बल मुहैया कराने के निर्देश जारी किए गए।
विदित हो कि जिले की 44 शराब दुकानों का आवंटन निरस्त होने के बाद उनके संचालन का जिम्मा आबकारी विभाग ने अपने हाथ में ले लिया है। अमले की कमी के कारण अब भी आधा दर्जन दुकानों में ताला लगा हुआ है। इससे उसे राजस्व की हानि हो रही है। आबकारी विभाग ने बताया कि जिन शराब दुकानों का आवंटन निरस्त हुआ है, उनकी अगले चरण की नीलामी 2 मई को होगी। शहर में संचालित शराब दुकानें खोलने का निर्णय लिया गया है लेकिन इससे ग्रामीण क्षेत्रों की आधा दर्जन से अधिक दुकानों का ताला नहीं खुल पा रहा है। कटनी के अलावा उमरिया, सतना, सिवनी, बालाघाट, मंडला आदि जिलों से आबकारी अमले को दुकानों पर तैनात करने के बाद भी कई दुकानें बंद हैं।
ये है मामला
वर्ष 2016-17 के लिए शराब दुकानों की नीलामी के लिए की गई निविदा प्रक्रिया में कई समूहों के ठेकेदारों ने केनरा बैंक से जारी कूटरचित डीडी का इस्तेमाल किया था। हकीकत सामने आने के बाद आबकारी ने केनरा बैंक के डीजीएम अशोक कुमार साहू, प्रबंधक केडी दुबे और एक अन्य अधिकारी अमृता सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज कराई थी। ठेकेदारों द्वारा राजस्व की भरपाई न किए जाने के कारण ठेका निरस्त करते हुए 44 दुकानों का संचालन विभाग ने अपने हाथ में ले लिया।
इनका कहना है
अमले के अभाव में कुछ शराब दुकानों को नहीं खोला जा सका। कलेक्टर से अमले की मांग की गई है। वन विभाग होमगार्ड से कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जा रही है।
-आरसी त्रिवेदी, जिला आबकारी अधिकारी
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