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कानपुर

क्या आप जानते हैं, कानपुर के इस मंदिर में साक्षात दर्शन देते हैं भोलेनाथ !

भोलेनाथ के एकमात्र दर्शन से सारे कलेश और द्वेश पल भर में ही समाप्त हो जाते हैं। यहां पर दर्शन करने के लिए देश और विदेशों से भी लोग आते है।

कानपुरJul 19, 2016 / 10:32 am

UP Patrika

anandeshwar mandir

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कानपुर. एशिया के मैनचेस्टर के नाम से विश्व में विख्यात कानपुर में आज भी छोटी काशी गंगा के तट पर मौजूद है। यहां छोटे और बड़े मिलाकर लगभग सौ से ज्यादा मंदिर है, जहां हररोज सैकड़ों की संख्या में भक्त आते हैं और सिर झुकाकर मन्नतें मांगते हैं। यहीं पर आनन्देश्वर मन्दिर है, जिसकी मान्यता है कि यहां स्वयं भगवान शंकर सावन के हर सोमवार को भक्तों को दर्शन देते हैं। उनके एकमात्र दर्शन से सारे कलेश और द्वेश पल भर में ही समाप्त हो जाते हैं। यहां पर दर्शन करने के लिए देश और विदेशों से भी लोग आते हैं। पूरे श्रावण मास भर मन्दिर के पट भक्तों के लिए 24 घंटे खुले रहते हैं।

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एक एकड़ में फैली है छोटी काशी
सिविल लाइंस पर बना आन्देश्वर मन्दिर कई एकड़ में फैला हुआ है। गंगा के किनारे बने मन्दिर का दृश्य बहुत ही सुहाना और मनभावक है। भगवान शिव के दर्शन करने के लिए सुबह चार बजे से ही भक्तों की भीड़ जुटने लगती है। मन्दिर के महंत बताते हैं कि यहां पर स्वयं भगवान भोलेनाथ विराजमान हैं। और सावन के प्रत्येक सोमवार को वो साक्षात भक्तों को दर्शन देते हैं। मन्दिर के महंत रमेशपुरी ने बताया कि ये मन्दिर महाभारत के इतिहास से जाना जाता है। उस काल में गंगा के किनारे दानवीर कर्ण पूजा करने आते थे। पूजा करने के दौरान एक गाय आती थी। जहां कर्ण पूजा करते थे वहीं वो गाय अपने थन से दूध रिसाव कर देती थी। गाय का दूध ऐसे गिराने पर मालिक काफी परेशान हुआ। जिसके बाद मालिक और गांव के ही ग्रामीणों ने दूध वाली जगह पर खुदाई की। खुदाई के दौरान भगवान शंकर का शिवलिंग निकला। उसके बाद पुर्वर्जों ने इस मन्दिर को बाबा आनंदेश्वर नाम दिया है। मंहत ने बताया कि श्रावण मास के सोमवार का महत्व इसलिए है क्योंकि सोमवार का अंक 2 होता है, जो चन्द्रमा का प्रतिनिधित्व करता है। चन्द्रमा मन का संकेतक है और वह भगवान शिव के मस्तक पर विराजमान है।

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20 जुलाई से शुरु हो रहा है श्रावण मास

मंदिर के मंहत ने बताया कि भोलेनाथ को अति प्रिय श्रावण मास 20 जुलाई से शुरू होगा। इस पावन मास में रुद्राभिषेक, शिव पार्वती का पूजन, सोमवार और मासिक शिवरात्रि के दिन व्रत रखने से अनंत पुण्य की प्राप्ति तो होगी ही भगवान शिव पद, प्रतिष्ठा और ऐश्वर्य भी प्रदान करेंगे। मंदिरों में श्रावण मास की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। महंत ने कहा कि पूजा अर्चना के लिए भक्तों की भीड़ मंदिरों में लगेगी पर सोमवार को भक्तों का सैलाब उमड़ेगा। आनंदेश्वर मंदिर में बैरीकेडिंग लगाने का काम पूरा हो गया है। वहीं शहर के अन्य मंदिरों में शनिवार को बैरीकेडिंग लगाने का काम शुरू होगा। श्रावण मास में इस बार चार सोमवार पड़ेंगे।

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CCTV से होगी निगरानी, RPF तैनात

भोले भंडारी के दर्शन के लिए आनंदेश्वर मंदिर, जागेश्वर मंदिर, सिद्धनाथ, नागेश्वर और वनखंडेश्वर मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ेगी।
प्रशासन ने इन मंदिरों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का आदेश दिया है। आनंदेश्वर मंदिर में 16 सीसीटीवी कैमरे लगाये गए हैं। जबकि तीन जगहों पर एलसीडी टीवी लगेंगे ताकि श्रद्धालु भी कतार में खड़े होकर प्रभु के दर्शन कर सकें। जबकि दो कंट्रोल रूम बनेंगे। एक पुलिस चौकी में तो दूसरा महंत के कमरे में बनेगा। इसी तरह जागेश्वर मंदिर और सिद्धनाथ मंदिर में भी एक-एक कंट्रोल रूम बनेगा। इन पर पुलिस निगरानी करेगी। अन्य मंदिरों में निगरानी की जिम्मेदारी मंदिर प्रबंधन की होगी। वहां भी पर्याप्त मात्रा में पुलिस और पीएसी के जवान तैनात होंगे।

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शिव मंदिरों के पट खुलने का समय
आनंदेश्वर मंदिर के पट भोर में दो बजे खुलेगा, सुबह 11.30 बजे बंद होगा और दोपहर 12.30 बजे खुलेगा। शाम को 7.30 बजे बंद होगा और 8.15 बजे खुलेगा। इसके बाद दो बजे बंद होगा। जागेश्वर मंदिर भोर में 3.45 बजे खुलेगा, 11.45 बजे बंद होगा। दोपहर 12.15 पर खुलेगा और रात्रि में 10.30 बजे बंद होगा। सिद्धनाथ मंदिर भोर में चार बजे खुलेगा, 12 बजे बंद होगा, फिर दोपहर 12.30 बजे खुलेगा, रात में 11.30 बजे बंद होगा। नागेश्वर मंदिर, सुबह पांच बजे खुलेगा, 12 बजे बंद होगा, दोपहर
12.30 बजे खुलेगा, रात्रि 12 बजे बंद होगा। आनंदेश्वर मंदिर में आरएएफ के जवानों की तैनाती की जाएगी। जवान रविवार की शाम और सोमवार की रात में मंदिर बंद होने तक वहां तैनात रहेंगे।

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