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कानपुर

अब GOOGLE से लगेगी क्राइम पर रोक, सबसे पहले यूपी में शुरू हुई पहल

उत्तर प्रदेश में अपराधियों और अपराध के नियंत्रण के साथ अपराधियों का क्राइम रिकार्ड एक अप्रेल से गूगल पर उपलब्ध होगा|

कानपुरMar 08, 2016 / 10:04 pm

Abhishek Gupta

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कानपुर| उत्तर प्रदेश में अपराधियों और अपराध के नियंत्रण के साथ अपराधियों का क्राइम रिकार्ड एक अप्रेल से गूगल पर उपलब्ध होगा| अपराधियों और उनको पनाह देने वालों की खबर बेस्ड क्राइम मैपिंग के जरिए पुलिस को तत्काल मिल जाएगी| साथ ही आमशहरी भी जब चाहे, जहां चाहें अपराध की जगह, अपराधियों की पहचान गूगल के जरिए घर में बैठकर कर सकेंगे | इसके तहत मंगलवार को आईजी पीएसी लखनऊ आशुतोश के नेतृत्व में राजेंद्र स्वरूप ऑडिटोरियम में वेब बेस्ड क्राइम मैपिंग सिस्टम पर एक बैठक का आयोजन किया गया| बैठक में आईजी जोन कानपुर जकी अहमद, एसएसपी शलभ माथुर, एसपी सभी सीओ सहित शहर के तमाम अतिथि की मौजूदगी में 5 घंटे तक मंथन हुआ।

अब पुलिस जल्द पहुंचेगी घटना स्थल पर-

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे आईजी पीएसी लखनऊ आशुतोष कुमार पांडेय ने बताया कि यूपी देश का पहला राज्य है, जहां इसे शुरू किया जा रहा है। इसके लिए सोशल मिडिया पर एक वेब पेज भी तैयार किया जा रहा है। पांडेय ने कहा क्राइम मैपिंग मुख्य रूप से पुलिस का जो काम है प्रिवेंशन एंड डिटेंशन ऑफ क्राइम। सोसल मीडिया पेज के जरिए क्राइम कंट्रोल के लिए ये उपयोगी साबित होगा। प्रदेश में हो रहे क्राइम का जितना डाटा है उसे गूगल मैप पर क्लॉट किया गया है। किस जगह किस समय अपराध हो रहा है, वो पुलिस को तत्काल पता चले जिससे मौके पर आसानी से फोर्स को भेजा जा सके।

थानेदार से लेकर सिपाही को ट्रेनिंग

इसमें जोन स्तर पर एसपी, डीआईजी और जिस थाना सर्किल में अपराध ज्यादा है, वहां के थानाध्यक्ष को ट्रेनिंग दी जा रही है। साथ ही हर थाने के वो सिपाही जो कम्प्यूटर जानते है उनको भी बुलाया गया है। इसके अलावा जो एनड्रॉयड फोन का इस्तेमाल करते हैं उनको भी ट्रेनिंग दी जा रही है। इस ट्रेनिंग में डाटा फीडिंग कैसे करें, उसका एनालाइज कैसे करें। इससे राह चलते पुलिस वाले जिनके पास एनड्रॉयड फोन है वो अपराध को एनालाइज करेंगे और उसे रोकने का प्रयास करेंगे।

साथ ही ये अधिकारी डेटा इंट्री का काम देखेंगे और एनालिसिस का काम सीओ, एसपी स्तर पर किया जाएगा। इसके बाद इसमें वो सुझाव भी देंगे कि इसमें और क्या किया जा सकता है। डायल 100 की गाड़ियों को भी मोडिफाई किया जाएगा।

इस सिस्टम से पुलिस को मिलेगी मदद-

आईजी पीएसी लखनऊ ने कहा कि कानपुर में पर्स और चेन स्नेचिंग का क्राइम ज्यादा हो रहा है। ऐसे में इस सिस्टम से पुलिस को बहुत फायदा मिलेगा। हर अपराध का एक जगह और समय निर्धारित होता है। इसमें पिछले तीन साल का हम अपराधों का क्लॉट करते हैं। इसकी सहायता से अपराध के ट्रेंड की जानकारी भी आसानी से पता चल जाएगी। अपराधी किधर से आ रहे हैं और किधर जा रहे है, ये भी पता चलेगा। इसकी सहायता से दो थानों के बीच का मामला पूरी तरह से खत्म हो जाएगा।

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