जानवरों का शिकार करने लगाया करंट, चपेट में आया बैगा, मौत
भोरमदेव अभ्यारण्य क्षेत्र में जंगली जानवरों के शिकार के लिए लगाए गए करंट से एक बैगा आदिवासी की मौत हो गई
baiga tribal dies of electrocution
कवर्धा/बोड़ला. भोरमदेव अभ्यारण्य क्षेत्र में जंगली जानवरों के शिकार के लिए लगाए गए करंट से एक बैगा आदिवासी की मौत हो गई। अभयारण्य क्षेत्र में शिकारियों की नजर अक्सर यहां के जंगली जानवरों पर रहती है। जानवरों के शिकार के लिए जंगल में जगह-जगह करंट व जाल बिछाया जाता है।
यही स्थिति भोरमदेव अभयारण्य क्षेत्र कक्ष क्रमांक 336 की है। यहां पर करंट बिछाया गया था, जिसका शिकार कोई जानवर नहीं बल्कि संरक्षित जनजाति व राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र एक बैगा हो गया। ग्राम सोनवाही निवातसी सोर्र्री पिता भिखारी बैगा (45) अपनी पत्नी द्रोपती और तीन बच्चों के साथ रात में मधुमक्खी के छत्ते से रस निकालने गए थे।
एक बच्चे को सोर्री अपने कंधे पर बिठाया और दो बच्चों को उसकी पत्नी रखी हुई थी। इसी दौरान जंगल में करंट बिछा था जिसकी चपेट में सोर्री बैगा आ गया, जबकि बच्चे को वह फेंक दिया, ताकि उसकी जान बच चुकी। बच्चे को कुछ चोट आयीं, जबकि सोर्री बैगा की घटना स्थल पर ही मौत हो गई।
पतला तार बिछाया
अभयारण्य क्षेत्र में सक्रिय है शिकारी। जिस क्षेत्र में यह घटना हुई है यह भोरमदेव अभयारण्य क्षेत्र है। पूर्व में यहां पर बाघ व तेंदुए जैसे वन्य प्राणियो की मौत हो शिकार से हो चुकी है। ठीक इसी तरह इस घटना से प्रतीत होता है कि शिकारियों द्वारा 600 मीटर लोहे का पतला तार जंगल में बिछाया गया था, जब इसकी चपेट में बैगा आया तो शिकारी अपना कुछ सामग्री छोड़कर भाग गए। गर्मियों के दिन में पानी की तलाश में वनप्राणी निचले इलाकों में पहुंचते हैं यह बात शिकारी भली भांति वाकिफ है। इसके चलते वही पानी वाले इलाके के आसपास जाल बिछाते हैं ताकि जानवर आसानी से शिकार बन सके।
वन विभाग निष्क्रिय
वन विभाग के नाक के नीचे शिकारियों द्वारा करंट व जाल बिछाया जा रहा है। जिस स्थान पर घटना घटित हुआ वहां से कुछ ही दूरी पर वन विभाग का ब्रेरियर है। ठीक इसी तरह की घटना बोड़ला मुख्यालय से लगे हुए ग्राम पेण्ड्री और पालक के एक-एक बैगा की मौत ठीक इसी तरह हुआ था। बावजूद वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे।
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