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जयपुर

कट्टरता का लाभ उठाने की फिराक में है आईएस

 विख्यात इस्लामिक विद्वान
और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना कल्बे रूशेद रिजवी का कहना है कि आतंकी

जयपुरMar 22, 2015 / 01:33 am

शंकर शर्मा

Maulana Kalbe Rused Rizvi

Maulana Kalbe Rused Rizvi


सुरेश व्यास/शैलेन्द्र अग्रवाल
जयपुर। विख्यात इस्लामिक विद्वान और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना कल्बे रूशेद रिजवी का कहना है कि आतंकी संगठन आईएस कट्टरता का फायदा उठाते हुए देश के अल्पसंख्यक युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश कर सकता है। इसे लेकर देश के सियासी दलों समेत सभी को सजग रहना होगा। जयपुर में शनिवार को शुरू हुई मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की दो दिवसीय बैठक में शिरकत करने आए रिजवी ने “राजस्थान पत्रिका” के साथ खास मुलाकात में कहा कि आईएस दायरा फैलाने की कोशिश में है।

वह मुस्लिम युवाओं को नौकरी देने का झांसा देने सहित कई हथकंडे अपना रहा है। भारतीयों युवाओं के आईएस की ओर आçर्षित होने की आशंका पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, “मोहब्बत की खेती नहीं बोयी या यह फसल आंधी-तूफान में बर्बाद हो गई तो जमीन बंजर हो जाएगी।” उन्होंने आशंका जताई कि आईएस युवाओं को सोशल मीडिया के जरिए झांसे में ले सकता है। लव जेहाद और घर वापसी पर उन्होंने कहा कि इससे गांवों के अल्पसंख्यकों में असुरक्षा की भावना फैलना लाजिमी है। लोग बस चैन से जीना चाहते हैं।

कश्मीरी लोग कराची नहीं दिल्ली के साथ
जम्मू-कश्मीर में भाजपा-पीडीपी सरकार पर उन्होंने कहा, कोई बड़ा वैचारिक मतभेद नहीं उभरा तो सरकार कार्यकाल पूरा कर सकती है। रिजवी ने कहा, आज भी कश्मीरी लोग दिल्ली के साथ हैं, कराची के साथ नहीं। यदि केंद्र के चार विभाग वहां अपने हिस्से का थोड़ा सा काम कर दें, उन हाथों को काम और निगाहों को प्यार देकर माताओं का बेटों के प्रति इंतजार खत्म कर तो कोई बंदूक नहीं उठाएगा।

पिछड़ेपन का कारण अशिक्षा
रिजवी ने कहा कि मुसलमानों के पिछड़ेपन का कारण उनका शिक्षा से दूर होना है। सियासी जमातों के साथ मुसलमानों के रहनुमाओं ने भी इनका इस्तेमाल ही किया है। इन लोगों ने पहला अपने बारे में सोचा, फिर कौम के बारे में। दुर्भाग्य है कि सियासी जमातों ने मुसलमानों को वोट के लिए अपने साथ लिया, विकास के लिए नहीं।

डेमोक्रेसी चाहिए, मोबोक्रेसी नहीं
रिजवी ने कहा कि देश में कानून की हिफाजत पहली जरूरत है। इसी से डेमोक्रेसी मजबूत होगी, मोबोक्रेसी नहीं। मोबोक्रेसी मजबूत हुई तो डेमोक्रेसी पर बुरा असर पड़ेगा।

कीचड़ साफ नहीं करते
भारत व पाकिस्तान में आतंक के सवाल पर रिजवी ने कहा कि दोनों ही देश इससे प्रभावित है, लेकिन दोनों अपने पायजामे पर लगा आतंक रूपी कीचड़ तो धो देते हैं, लेकिन जहां कीचड़ है उसे साफ करने की कोशिश नहीं करते। इससे आतंक पर लगाम नहीं लग पा रही।

चार चीजें दे दें मोदी

रिजवी बोले, मुसलमान मोदी से उनके नाम की उर्दू स्पेलिंग के हिसाब से 4 चीजें चाहता है। नाम में उर्दू के 4 अक्षर मीम, वाव, दाल व ये आते हैं। मोदी मीम से मोहब्बत, वाव से वफादारी, दाल से दयानतदारी (ज्यों का त्यों) व ये से यकीन दे दें।

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