यहां महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, पट्टाभि सितारमैया, सुभाषचंद्र बोस सहित अनेक क्रांति के दिग्गजों का आगमन हो चुका है।
जबलपुर। स्वतंत्रता की लड़ाई के इतिहास में संस्कारधानी का नाम भी स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है। यहां महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, पट्टाभि सितारमैया, सुभाषचंद्र बोस सहित अनेक क्रांति के दिग्गजों का आगमन हो चुका है। उनकी स्मृतियां अब भी संस्कारधानी में मौजूद हैं। झंडा आंदोलन की अलख भी इसी शहर में जलाई गई।
महात्मा गांधी आजादी की लड़ाई में अधिक से अधिक लोगों को शामिल होने तथा छोटी-बड़ी जातियों के बीच बनी छुआछूत की दीवार गिराने के लिए देश भ्रमण कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने जबलपुर प्रवास भी किया था। जिसमें गांधी जी ने घमापुर रोड स्थित ब्यौहारजी के बाड़े में बने निजी मंदिर में हरिजनों को पूजन के लिए प्रवेश कराया था। जिसके बाद से उक्त मंदिर में हर जाति के लोग पूजन के लिए जाने लगे। उन्होंने मंदिर में हरिजनों के प्रवेश का उद्देश्य हरिजनों व सवर्ण जाति के लोगों को बराबरी का अधिकार देना बताया था। यहां देखें शहर आगमन के दौरान नेहरू गांधी के ऐतिहासिक फोटोज…
Hindi News / Jabalpur / PICS: जब छूआछूत मिटाने जबलपुर आए ‘बापू’, इस मंदिर में हरिजनों ने की पूजा