जबलपुर। स्वस्थ रहने के लिए फलों व सब्जियों का जूस उतना ही जरूरी है जितना की अन्य आहार। बीमारियों से लडऩे के लिउ रस औषधि की तरह उपयोगी है। हमारे आहार का काम है शरीर में होने वाली क्षति की पूर्ति करने में मदद करना। जूस थैरेपी से बहुत सी बीमारियों का मुकाबला किया जा सकता है। जैसे- सर्दी, फ्लू, जुकाम, वायरल फीवर। फल एवं सब्जी दोनों का जूस लाभदायक होता है। इसमें तमाम पौष्टिक तत्व होते हैं। अगर इम्यून सिस्टम कमजोर हो, या छोटी सी बीमारी से लेकर कैंसर तक हो, मोटापा हो या हृदय की समस्या, अगर व्यक्ति मौत के मुंह में भी चला गया हो और डॉक्टर जवाब दे दें तो भी ये जूस व्यक्ति को मौत के मुंह से बाहर लाने की क्षमता रखते हैं। हम आपको बताने जा रहे हैं कौन से जूस में इतना दम।
01. पत्तागोभी का जूस
आयुर्वेद के अनुसार पत्तागोभी देखने में जितनी साधारण हैं उतनी ही गुणों में अमृत के समान हैं, अनेक कष्ट साध्य रोग जैसे कैंसर, कोलाइटिस, हार्ट, मोटापा, अलसर, ब्लड क्लॉटिंग रक्त के थक्का जमने में, उच्च रक्तचाप, नींद की कमी, पथरी, मूत्र की रुकावट में पत्तागोभी बहुत लाभकारी हैं। इसकी सब्जी भी घी से छौंककर बनानी चाहिए। इसका रस, सलाद और सब्जी सभी गुणकारी हैं। रोगी व्यक्ति को नियमित इसके जूस का सेवन करना चाहिए।
02. गाजर का जूस
गाजर में जीवन दायिनी शक्ति है। गाजर में दूध के समान गुण विद्यमान हैं। गाजर रस के उपयोग से हमारी सेहत बहुत बढिय़ा रह सकती है। गाजर का उपयोग इसका रस निकाल कर या सब्जी बनाकर किया जा सकता है। गाजर का जूस नियमित पीने से हमारी आखों के छोटे-छोटे रोगों से लेकर मोतियाबिंद जैसे रोग नहीं होते। गाजर के नियमित सेवन से ब्रैस्ट कैंसर, पेट के कैंसर और फेफड़ों के कैंसर से बचा जा सकता है और अगर ये रोग हो जाए तो इसके सेवन से बहुत जल्दी रिकवरी होती है। लीवर, पेट, आंतों और दांतों, मसूड़ों के रोगों में भी बहुत लाभकारी है।
03. गेंहू, जौ और गिलोय का जूस
आयुर्वेद के ज्ञात वैद्य अशोक विश्वकर्मा बताते हैं कि यदि कोई ऐसा रोग हो गया हो जो असाध्य हो या आपको लगता हो के ये आपकी जान लेकर ही जाएगा तो बिना विलम्ब किये रोगी को ये जूस पिलाना शुरू करना चाहिए, ये शरीर में जाते ही शरीर से विजातीय पदार्थ निकालकर शरीर में अमृत का संचार करता है, कैंसर, हृदय की ब्लॉकेज, किडनी के रोगों, लीवर, ब्लड शुगर जैसे अनेक रोगों के लिए ये बेहतरीन है।
4. पालक का जूस
पालक विटामिन के, विटामिन ए, मैंगनीज, मैग्नीशियम, आयरन, कैल्शियम, एमिनो एसिड तथा फोलिक एसिड फोलेट, कॉपर, विटामिन बी-2 विटामिन बी-6, विटामिन ई, कैल्शियम, पोटैशियम, और विटामिन सी का स्त्रोत है। कच्चा पालक खाने से कड़वा और खारा जरुर लगता है, लेकिन ये गुणकारी होता है। पालक रस यदि पीने में अच्छा न लगे तो इसके रस में आटा गूंथकर रोटी बनाकर खानी चाहिए। पालक रक्त में लाल कण बढ़ाता है। कब्ज दूर करता है।
जूस पीने का नियम
जब भी हम कोई तरल चीज पीते हैं, तो हमें धीरे-धीरे मुंह में घुमा-घुमा कर पीना चाहिए। इससे हमारे मुंह में पैदा होने वाली गर्मी शांत हो जाती है तथा ये ठंडक हमारे पेट तक पहुंचती है। ऐसा करने से रक्त अधिक बनने की क्षमता पैदा होती है तथा रक्त संचार भी ठीक से होता है। हमें कौन सा फल सूट करता है या कौन सी सब्जी,उ सी का जूस लें और अधिक जानकारी के लिये डाइटीशियन से भी परामर्श ले सकते हैं।
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