वैसे तो भगवान श्री कृष्ण का वास पृथ्वी के कण-कण में है और एक बार फिर मुरलीधर के स्वागत की तैयारियां जोरों पर हैं। लेकिन मध्यप्रदेश में एक ऐसा भी स्थान हैं जिसे कन्हैया की शिक्षास्थली के रूप में उनके गुरू के नाम से जाना जाता है। यहां कान्हा सहित बलराम और सुदामा को भी देखने मिलता है। पुराणों के अनुसार यही वह स्थान है जहां कन्हैया ने शिक्षा प्राप्त की थी। और विद्याध्यन के दौरान के दिन व्यतीत किए थे।
मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले में अंकपात क्षेत्र, मंगलनाथ रोड पर महर्षि सांदीपनि आश्रम है जहां परमाचार्य सांदीपनि मुनि से कृष्ण ने बलराम और सुदामा के साथ 14 विद्याएं और 64 कलाओं का ज्ञान प्राप्त किया। इस आश्रम के स्थान पर बने मंदिर में मुनि सांदीपनि कृष्ण, बलराम और सुदामा को शिक्षा देते दिखायी दे रहे हैं। इसी स्थान पर सुदामा-कृष्ण की दोस्ती हुई थी।
5 हजार साल पहले का गोमती कुंड भी यहां देखने मिलता है। जहां श्रीकृष्ण स्लेट पर लिखे अंकों को मिटाने आते थे। विद्वानों के अनुसार यही वह स्थान है जहां कन्हैया को उनके गुरू सांदीपनि मुनि से उनकी प्रतिभाओं से प्रभावित होकर जगतगुरू की उपाधि दी। 5 हजार साल पहले घटित हुए इन दृश्यों के प्रमाण अब भी इस आश्रम में देखने मिलता है। इस स्थान पर महर्षि सांदीपनी के द्वारा पत्थर पर अंकित गिनती भी लिखी हुई है।
Hindi News / Jabalpur / इस कुण्ड में स्लेट धोते थे ‘कन्हैया’, जगतगुरू के गुरू ने यहीं लिखी थी गिनती