जबलपुर. देश की आजादी की जंग लडऩे वालों के बलिदान कभी भुलाए नहीं जा सकते हैं। महाकौशल के भी ऐसे ही एक वीर सपूत का बीते दिनों राष्ट्रपति भवन में सम्मान किया गया। परंपरा के अनुरूप अगस्त क्रांति दिवस पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 102 फ्रीडम फाइटरों का सम्मान किया। इनमें से एक जबलपुर के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अवधेश प्रसाद शुक्ला भी शामिल हैं। इन्होंने महज 12 वर्ष की उम्र में गांधीजी के क्विट इंडिया एक्शन प्लान पर अंग्रेजों से लोहा लिया।
आजादी के संघर्ष के बारे में बताते हुए स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अवधेश प्रसाद शुक्ला ने बताया कि उन्हें इस महासंग्राम में सहभागिता निभाने का अवसर स्कूल के दिनों में मिला। वे कक्षा 5वीं के छात्र थे और साधूराम स्कूल जबलपुर में पढ़ाई करते थे। देश में अराजकता के माहौल के बीच राष्ट्रपिता गांधीजी की एक आवाज के साथ अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन में पूरा देश उद्वेलित हो उठा था। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शुक्ला ने भी अपने स्कूली छात्रों के साथ स्कूल में एकत्रित हो गए और अंग्रेजों भारत छोड़ो के नारे के साथ अंग्रेजों के कान खड़े कर दिए। इस बीच अंग्रेजी अफसरों के दल ने डंडे मारकर भीड़ हटाई, लेकिन वे डंडे व तमाचे खाकर भी उनके खिलाफ डटे रहे। इसी का प्रतिफल था कि उनके खिलाफ 12 वर्ष की उम्र में ही अंग्रेजों को गिरफ्तारी वारंट जारी करना पड़ा।
स्कूल से भागकर 8 माह रहे नजरबंद
स्वतंत्रता सेनानी शुक्ला ने बताया कि पूरे देश में उठी क्रांति की आवाजें दबाने के लिए अंग्रेजी हुकूमत ने पूरी ताकत झोंक दी थी। इस बीच जो इस क्रांति में सतत सक्रिय रहे उन्हें गिरफ्तार कर जेलों में भरा जाने लगा। उन्हें भी गिरफ्तार करने के आदेश जारी हो चुके थे। तब स्कूल के शिक्षक ने उन्हें इसकी जानकारी देकर भागने को कहा और वे मामला शांत होने तक कटनी के छपरवार गांव स्थित अपने घर में नजर बंद हो गए। इस तरह शुक्ला ने बाल्यकाल में ही देश की आजादी के लिए संघर्ष की शुरुआत की और निरंतर स्वतंत्रता आंदोलनों में सक्रिय भी रहे।
आजादी के बाद समाजसेवा का जुनून
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अवधेश प्रसाद शुक्ला ने बाल्यकाल में कठिन संघर्षों में सहभागिता निभाने के साथ देश की आजादी के बाद समाजसेवा में भी कई कार्य किए। वे 18 वर्ष तक रेलवे में सेवा देने के बाद एक कुशल अधिवक्ता के रूप में आगे आए। इसके अलावा उन्होंने नर्मदा जल, रेलवे सुविधा विस्तार पर सतत कार्य किए हैं।
Hindi News / Jabalpur / पांचवीं के छात्र रहकर गांधीजी के क्विट इंडिया एक्शन के ये हैं हीरो