जबलपुर। सिल्वर स्क्रीन पर धूम मचा रही बागी फिल्म के चीफ एक्शन डिजाइनर, चीफ एक्शन मेंटोर ग्रेंड मास्टर शीफूजी शौर्य भारद्वाज ने पत्रिका के साथ शूटिंग के वक्त के कुछ खास अनुभव शेयर किए। उन्होंने फोन पर बताया कि फिल्म में हर एक्शन असली है और भारतीय मार्शल आर्ट कलरीपायत्तु पर आधारित है। उन्होंने पत्रिका को शूटिंग के कुछ खास वीडियोज व फोटो भी उपलब्ध कराए हैं। शीफूजी ने कहा कि बागी एक अलग किस्म की फिल्म है। इसमें पहली बार कोई अभिनेत्री यानी श्रद्धा कपूर भी ओरिजनल एक्शन करते नजर आ रही हैं।
देश भक्ति पर आधारित फिल्म के चीफ एक्शन कन्सल्टेंट शीफूजी शौर्य भारद्वाज ने फोन पर पत्रिका से विशेष बातचीत में बताया कि एक्शन फिल्मों में अक्सर हथियार और ब्लास्ट रोमेन्स दिखाया जाता है, लेकिन इस पर कला व संस्कृति की छाप नहीं होती। बागी भारत वर्ष की पहली बड़ी फिल्म है, जिसमें कलरीपायत्तु कला को दिखाया गया है। यह भारत की अपनी एक युद्ध कला थी। इसी कला को देश भक्ति में पिरोकर दिखाया गया है।
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ये है कलरीपायत्तु कला शीफूजी ने बताया कि कलरीपायत्तू विश्व की प्राचीनतम नियुद्ध कला यानी मार्शल आर्ट है। इस कला को विश्व की सभी मार्शल आर्ट की जननी माना जाता है। कलरी का वर्णन रामायण और महाभारत में भी मिलता है। इसके जनक भगवान परशुराम व अगस्त्य ऋषि हैं। सन 1362 में इसे प्रचलित करने और इसको पुर्नस्थापित करने का श्रेय दक्षिण भारत के पल्लव राज्य के तीसरे राजकुमार बोद्घिधर्मन को जाता है। उन्होंने इस कला और आयुर्वेद को चीन जाकर प्रसारित किया था। बोद्धिधर्मन भारतीय कलारपयत्तु गुरु थे। उन्होंने वहाँ जो अभ्यास सिखाए थे उन्हें ही आज चीन के शाओलिंन में मूल मंत्र के रूप में चाइनीज बॉक्सिंग और चायनीज़ लोहान पद्धतियाँ और कुंडलिनी क्रिया को ची गोंग क्रिया के नाम से जाना जाता है। कलारी विश्व की सबसे घातक व प्रभावी नियुद्ध कला है।
जैकी चेन को दिया जवाब शीफूजी के अनुसार जैकी चेन ने एक इंटरव्यू में कहा था कि कूँगफु पूरे विश्व में चाइना से ही गया है। शीफूजी ने जैकी चेन को इसका जवाब दिया। उन्होंने प्रमाण के आधार पर जैकी चेन को बताया कि कलरीपायत्तु ही विश्व के सभी मार्शल आर्ट की जननी है। यह कला भारत से ही अन्य देशों में गई है। यह बात अलग है कि कालांतर में इस पर ध्यान नहीं दिया गया और एक अच्छी युद्धकला हाशिये पर आ गई। अब फिर इसका प्रचार प्रसार बढ़ा है। देश में कई युवा इसका उत्साह के साथ प्रचार- प्रसार कर रहे हैं।
जब एक्शन डारेक्टर को दी हिदायत ग्रेंडमास्टर शीफूजी फिल्म के ऐक्शन डिज़ाइनर और चीफ़ ऐक्शन मेंटॉर भी हैं। फिल्म के सभी ऐक्टर्स और फायटर्स के मूव्ज़ कलरीपायत्तु के अनुसार डिज़ाइन किए गए। ऐक्शन डारेक्टर केचा ने इस पर बदलाव की बात कही। इस पर शीफूजी ने उन्हें सख्त हिदायत दी कि एक्शन में कोई बदलाव नहीं होगा। पूर एक्शन भारत की प्राचीन कलरीपायत्तु कला में ही होंगे और एक्टर व एक्ट्रेस स्वयं इसे करेंगे। शीफूजी ने उन्हें ट्रेंड भी किया। अंतत: पूरी फिल्म में टाइगर श्राफ व श्रद्धा कपूर ने खुद ही पूरे एक्शन किए हैं। यह अपने तरह की इकलौती फिल्म है, जिसमें एक्शन के लिए एक्टर व एक्ट्रेस ने किसी डुप्लीकेट का सहारा नहीं लिया। उन्होंने हर एक्शन को बखूबी अंजाम दिया है।
पारम्परिक कला को बढ़ाएं शीफूजी शौर्य भारद्वाज ने कहा कि भारत में अखाड़ेबाजी, अस्त्र-शस्त्रों के संचालन की अनेक प्राचीन कलाए हैं। कई लोग अब भी इसमें माहिर हैं। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे भारतीय कलाओं व परम्पराओं को अपनाएं। इसका खूब प्रचार-प्रसार करें। इससे उनका खुद का और देश का भी नाम रोशन होगा।
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