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जबलपुर

रोचक किंतु सत्य, बारिश के लिए MP में अब भी होते हैं ये 8 टोटके, अनुष्ठान

हम आपको बारिश से जुड़ी ऐसी मान्यताओं के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका प्रचलन आज भी देखने मिलता है।

जबलपुरJun 11, 2016 / 03:35 pm

Abha Sen

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जबलपुर। भारी गर्मी के बाद अब जल्द ही लोगों को मानसून का इंतजार है। गर्मी की विदाई और बारिश की राहत भरी बूंदों के स्वागत के लिए लोग बेसब्र हैं। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार 20 जून तक मानसून की आमद होगी। ऐसे में हम आपको बारिश से जुड़ी कुछ ऐसी रोचक मान्यताओं के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका प्रचलन आज भी कहीं न कहीं देखने मिलता है। 

1. मूसल में मेंढक
छोटे बच्चों द्वारा मूसल में मेंढक बांधकर उसे घर-घर घुमाया जाता है। फिर उस पर पानी मारकर अच्छी बारिश की कामना की जाती है। बैतूल, मुलताई आदि क्षेत्रों में आज भी ऐसा नजारा देखने मिल जाता है। 

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2. मेंढक की शादी
बालाघाट, मंडला सहित ग्रामीण व आदिवासी क्षेत्रों में अब भी मेंढक की शादी का प्रचलन है। ये विवाह पूरे परंपरागत तरीके से होता है। मेंढक-मेंढकी को दूल्हा-दुल्हन बनाया जाता है और गाजे-बाजे के साथ इनकी बारात निकाली जाती है। विवाह के इस कार्यक्रम में गांव के बड़े बुजुर्ग भी शामिल होते हैं। 

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3. पर्जन्य अनुष्ठान
देश में अच्छी बारिश की कामना से उज्जैन के सुप्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिवर्ष पर्जन्य अनुष्ठान किया जाता है। ये अनुष्ठान बारिश के नक्षत्र मृगशिरा में होता है। पूजन में मंदिर के पुजारी राजाधिराज बाबा महाकाल चौबीस घंटे में सहस्रधारा से अभिषेक कर बिल्व पत्र करते हैं।

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4. पक्षी के अंडे 
पशु-पक्षियों में प्रकृति समझने और बदलाव को जानने की अद्भुत क्षमता होती है। ऐसी मान्यता है कि टिटहरी ऊंचाई या खेत की मेढ़ पर अंडे रखे तो ज्यादा बारिश होने की संभावना रहती है। यदि अंडों के मुंह जमीन की ओर हो तो मूसलाधार बारिश होती है। वहीं समतल जमीन पर अंडे रखते हैं तो औसत और किसी गड्ढे में अंडे दिखे तो सूखा पडऩे की भविष्यवाणी कर दी जाती है। यह पक्षी जितने अंडे देता है उतने ही माह बारिश होती है। 


5. घड़ा गड़ाना
कहते हैं कि पुराने जमाने में व्यापारी वर्ग पानी एक घड़े में भरकर उसे तंत्र-मंत्रों की सहायता से जमीन में गड़ा देते थे। इससे कई बार बारिश नही होती थी और सूखा तक पड़ जाता था। जब तक इन घड़ों को उखाड़ा नही जाता था तब तक बारिश नही होती थी। ऐसा वे महंगाई बढ़ाने और ज्यादा आमदानी के लिए किया करते थे। 

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6. जिंदा महिला की शवयात्रा
मध्यप्रदेश के रतलाम में मान्यता है कि यदि किन्नर नृत्य साधना करें तो इंद्रदेव प्रसन्न होते हैं। इसी प्रकार जिंदा महिला की शवयात्रा भी यहां बारिश के लिए निकाली जाती है। 


7. बच्चों की प्रार्थना
कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छी बारिश के लिए छोटे-छोटे बच्चों को नग्र कर घुमाया जाता है। कहते हैं इससे बारिश के देव बच्चों की प्रार्थना सुनते हैं और शीघ्र ही अच्छी बारिश होती है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में जून माह में ऐसा नजारा देखने मिल जाता है। मेंढक की आवाज और पहली बारिश की बूंद से पडऩे वाले गुब्बारे के आकार से भी बारिश का अनुमान लगाया जाता है।

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8. खेतों में चलाएं हल
प्रदेश के कई ग्रामीण क्षेत्रों में ये भी मान्यता है कि यदि महिलाएं रात के वक्त नग्न होकर खेतों में हल चलाएं तो इंद्रदेव प्रसन्न होते हैं और अच्छी बारिश होती है। इस दौरान महिलाएं घेरा बनाकर खेत को घेर लेती हैं, जिससे कोई और ये सब नही देख पाए।

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