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इंदौर

मेडिकल साइंस का करिश्मा, पैर की हड्डी से जबड़ा बनाकर बचाई जान

एमवायएच के डॉक्टरों ने की जटिल सर्जरी, एक बच्ची का जबड़ा काटकर गठान निकाली और पैर की हड्डी से जबड़ा बनाया।

इंदौरAug 12, 2016 / 11:13 am

Shruti Agrawal

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इंदौर. एमवायएच के डॉक्टरों ने गुरुवार को जटिल सर्जरी करते हुए एक बच्ची का जबड़ा काटकर गठान निकाली और पैर की हड्डी से जबड़ा बनाया। डॉक्टरों के मुताबिक मध्यभारत का यह पहला मामला है, जिसमें किसी बच्ची को कुरूपता से बचाने के लिए मुंह के ऑपरेशन में पैर की हड्डी का टुकड़ा लगाया गया। फिलहाल बच्ची स्वस्थ है और अब जल्द उसे दांत लगाए जाएंगे।

रतलाम के ग्राम बावड़ी पोस्ट शिवगढ़ की रहने वाली 13 वर्षीय जिवाली पारगी पिछले 8 माह से गाल पर हुई गठान से पीडि़त थी। स्कूल की शिक्षिका ने उसकी मां को बुलाकर एमवायएच में इलाज के लिए राजी किया। 11 जुलाई को मां व भाई के साथ एमवायएच पहुंची। सर्जरी विभाग की डॉ. सोनिया मोजेस ने लड़की का परीक्षण किया। जिवाली को फ्राइब्रोमिक्सोमा नामक बीमारी थी जो लाखों लोगों में किसी एक को होती है। यह बीमारी कैंसर का ही एक रूप होती है। डॉक्टरों की टीम ने लड़की की सारी जांचें करवाई और जल्द ऑपरेशन करने का निर्णय लिया। 



29 जुलाई को ऑपरेशन किया गया, जिसमें गठान के साथ-साथ उसके दाएं गाल का पूरा जबड़ा भी निकालना पड़ा। अब डॉक्टरों के सामने यह प्रश्न खड़ा हो गया कि बिना गाल के बिगड़े हुए चेहरे के साथ लड़की का भविष्य कुरूपता के चलते अंधकारमय हो जाएगा। एेसे में डॉक्टरों की टीम ने निर्णय लिया कि उसके दांए पैर की निचली हड्डी निकालकर उसका जबड़ा बनाया जाए। 



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ऑपरेशन में लगे 8 घंटे
गौरतलब है हर व्यक्ति के पैर में एक साथ दो हड्डी होती है जिसमें एक मुख्य होती है दूसरी सहायक। उक्त सहायक हड्डी का ही जबड़ा बनाने में इस्तेमाल किया। ऑपरेशन में डॉक्टरों को करीब 8 घंटे लग गए। पैर की रक्तवाहिनियों को गाल की रक्तवाहिनियों से सूक्ष्म सर्जरी द्वारा जोड़ा गया। फिलहाल लड़की पूरी तरह स्वस्थ है और गुरुवार को 15 दिन बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

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जबड़े में पैर की हड्डी लगाने का निर्णय चुनौतीपूर्ण था, लेकिन हमारे डॉक्टरों ने इस चुनौती को स्वीकार करते हुए इसे कर दिखाया। अब जल्द ही हम उसे दांत भी लगाएंगे ताकि बच्ची का चेहरे फिर से पुराने स्वरूप में लौट आए।’
डॉ. सोनिया मोजेस, एमवायएच

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