इंदौर। लक्ष्मी पूजन पर घर की लक्ष्मी ही नहीं होगी तो पूजा कैसे होगी? नवरात्र में पति से रूठकर मायके गई पत्नी दिवाली पर घर नहीं लौटी तो अवसाद में आकर पति ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
राजेंद्र पिता मांगीलाल (28) पत्नी मंजू और दो बच्चे ऋतिक और कार्तिक के साथ दो भाइयों रवि और रंजीत के परिवार समेत रंगवासा स्थित घर में रहते हैं। रवि ने बताया कि पीथमपुर की एक कंपनी में ऑटोमेशन का काम करने वाले राजेंद्र की पत्नी मंजू ने नवरात्र में दशमी के दिन देवास स्थित टेकरी पर माता के दर्शन चलने के लिए कहा था। राजेंद्र ने छुट्टी न होने से मना कर दिया था। इससे खफा पत्नी रुठकर दोनों बच्चों को लेकर मायके अर्जुन बड़ौदा चली गई थी।
राजेंद्र उन्हें बुलाता रहा, लेकिन मायके वाले नहीं आने दे रहे थे। रवि के मुताबिक वह खुद भी भाभी मंजू को लाने गया, लेकिन मायके वालों ने उसे लौटा दिया। दिवाली के दिन राजेंद्र काम से लौटा। वह उदास और शराब पीए हुए था। नशे में उसने कहा, ‘लक्ष्मीपूजन पर घर की लक्ष्मी ही घर पर नहीं है।’ इसके बाद रवि खरीदारी के लिए राऊ चला गया। शाम पांच बजे वह लौटा, तो राजेंद्र फांसी पर झूल रहा था। पुलिस ने शव को पीएम के लिए जिला अस्पताल भिजवाया। इसके बाद पत्नी भी मायके से लौट आई। पुलिस ने मर्ग कायम कर मामला जांच में लिया है।
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