80 हजार सर्वे पत्र बांटे, आए केवल 8 हजार
स्मार्ट सिटी का ड्राफ्ट तैयार करने में जुटी कंसल्टेंट कम्पनी शहर को साफ
और सुंदर बनाने के लिए सांसद, विधायक और पार्षद से लेकर आम जनता की राय
जानने में जुटी है। लेकिन पार्षदों ने स्मार्ट सिटी में सुझाव लेने में कोई
रुचि नहीं दिखाई है।
स्मार्ट सिटी का ड्राफ्ट तैयार करने में जुटी कंसल्टेंट कम्पनी शहर को साफ और सुंदर बनाने के लिए सांसद, विधायक और पार्षद से लेकर आम जनता की राय जानने में जुटी है। लेकिन पार्षदों ने स्मार्ट सिटी में सुझाव लेने में कोई रुचि नहीं दिखाई है। शहर में सुझाव लेने के लिए 80 हजार सर्वे प्रपत्र बांटे गए थे, लेकिन अभी तक केवल आठ हजार प्रपत्र ही जमा हुए हैं।
शहर के तीनों विधायकों ने अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र के पार्षदों की बैठक लेकर कैसे शहर सुंदर बन सकता है, इसके बारे में घर-घर जाकर सुझाव लेने को कहा था। प्रत्येक पार्षद को एक-एक हजार आवेदन पत्र दिए थे और पार्षदों को अपने-अपने वार्ड में घर-घर जाकर सर्वे प्रपत्र भरवाने थे। पार्षद सर्वे प्रपत्र तो ले गए, लेकिन भरकर जमा कराने से कन्नी काट रहे हैं।
स्मार्ट सिटी के लिए ऑन लाइन वोटिंग से लेकर सामाजिक संगठनों बीच जाकर उनसे सुझाव मांगे जा रहे हैं। कोटा को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए फीडबैक इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड को ड्राफ्ट तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कंपनी को सात दिसंबर तक स्मार्ट सिटी का खाका तैयार कर राज्य सरकार को सौंपना है। जिसे 17 दिसंबर को केंद्रीय नगर विकास मंत्रालय को सौंपा जाएगा। सोशल नेटवर्र्किंग साइट्स के जरिए 11 हजार से ज्यादा लोगों जुड़ चुके हैं।
कार्यशाला हुई
निगम के ए ब्लॉक में शिक्षण संस्थाओं के स्मार्ट सिटी के बारे में सुझाव लेने के लिए कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें महापौर महेश विजय ने कहा कि ऑनलाइन सुझाव देने में कोटा पीछे चल रहा है, इसलिए सभी कॉलेज और स्कूलों में विद्यार्थियों को ऑनलाइन सुझाव देने की अपील की।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर ही सबसे ज्यादा फोकस है। सर्वे का काम अंतिम चरण में चल रहा है। सर्वे के दौरान आए सुझाव को एकत्रित करने का काम शुरू करना है, इसके बाद डीपीआर तैयार होगी।
शिवप्रसाद एम. नकाते, आयुक्त
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