इंदौर. खान नदी में अचानक एक घडिय़ाल दिखाई दिया। घडिय़ाल के दिखने के बाद से आसपास के रहवासी खौफ में है। दरअसल चिडिय़ाघर की टीम घडिय़ाल को सर्च करने आई लेकिन वह नहीं मिला। घडिय़ाल के फिर आने का डर आसपास के रहवासियों में घर कर गया है।
खान नदी में संजयसेतू के नीचे के हिस्से में घडिय़ाल नजर आया है। घडिय़ाल के नदी में दिखने के बाद आसपास के रहवासी डर गए हैं। दूसरी ओर घडिय़ाल को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ संजय सेतु पर इक_ा हो गई थी। इसे पकडऩे के लिए चिडिय़ाघर की टीम भी मौके पर पहुंची, लेकिन घडिय़ाल उनके हाथ नहीं आ पाया।
- खान नदी पर कृष्णपुरा छत्री के सामने के हिस्से में कुछ लोगों को नदी की दीवार से लगे हुए हिस्से में घडिय़ाल नजर आया था। इसकी खबर फैलते ही घडिय़ाल को देखने के लिए संजय सेतु सहित नदी के पास के हिस्से में बड़ी संख्या में लोग इक_े हो गए थे। वहीं नदी में घडिय़ाल दिखने के बाद कुछ लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी थी। जिसके बाद पुलिस ने वन विभाग और चिडिय़ाघर को भी इसके बारे में सूचित किया। चिडिय़ाघर से एक टीम घडिय़ाल को पकडऩे के लिए पहुंची। लेकिन टीम को नदी में घडिय़ाल नजर नहीं आया।
- काफी देर तक तलाश करने के बाद भी जब घडिय़ाल नहीं दिखा तो टीम के सदस्य
चिडिय़ाघर के अफसरों और अपना नंबर आसपास के रहवासियों को देकर लौट गए।
चिडिय़ाघर के प्रभारी डॉ. उत्तम यादव का कहना है कि चिडिय़ाघर में 54 से
ज्यादा घडिय़ालों के बच्चे हैं। जिनके लिए बनाए गए छोटे ताल की सफाई के
दौरान किसी छोटे बच्चे के बाहर निकलने की संभावनाएं है।
हालांकि ये छोटा बच्चा किसी के लिए कोई हानिकारक नहीं है। इसे बड़ा होने में लगभग 20 साल की उम्र चाहिए। हम लगातार इसे पकडऩे की कोशिश कर रहे हैं। वहीं चिडिय़ाघर में मौजूद घडिय़ालों के बच्चों की गिनती करने नहीं किए जाने को लेकर उनका जवाब था कि चिडिय़ाघर में जो बच्चे हैं उनके लिए हमने जो ताल बनाया है, उसे प्राकृतिक निवास के रूप में तैयार किया है। उसमें जलिय पौधें मौजूद हैं। इसके साथ ही इसमें पत्थर भी डाले गए हैं। जो बच्चे हैं वो सभी एक साथ झूंड में रहते हैं और ताल में छुपकर रहते हैं, इसलिए इनकी गिनती करना बेहद मुश्किल है।
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