आगर-मालवा. मंगलवार को जिले के विभिन्न गांवों से नसबंदी करवाने आई महिलाओं की अस्पताल प्रशासन ने नसबंदी आपरेशन करने से इंकार कर दिया तो वहां पर उपस्थित महिलाओं के परिजनों ने जमकर हंगामा कर दिया। परिजनों का कहना था कि हम पिछले तीन सप्ताह से आपरेशन करवाने के लिए महिलाओं को यहां पर ला रहे हैं, लेकिन हर सप्ताह हमारा नंबर नहीं आ रहा है। जब तक आपरेशन करने को लेकर महिलाओं का पंजीयन नहीं किया गया, तब तक महिला के परिजन हंगामा करते रहे। ऐसे में वहां पर पहुंचे कुछ लोगों व डॉक्टरों ने हंगामा शांत करवाया बाद में महिलाओ का पंजीयन किया व रात तक महिलाओं के आपरेशन किए गए।
जानकारी के अनुसार शासन की ओर से प्रत्येक सप्ताह जिला अस्पताल में एक दिनी शिविर लगाकर महिलाओं की नसबंदी की जाती है। इस शिविर में शासन के निर्देशानुसार केवल 30 महिलाओं की ही नसबंदी करना होती है। ऐसे में पिछले कुछ शिविरों में 50 से 60 महिलाएं आपरेशन के लिए आ रही है। शुरुआत में जो महिलाएं आ जाती है। उनका पंजीयन कर आपरेशन कर दिए जाते हैं। बाकी बची महिलाओं को अस्पताल प्रशासन द्वारा वापस लौटा दिया जाता है। मंगलवार को जो महिलाएं आपरेशन के लिए आई थी वे भी पिछले तीन-चार सप्ताह से आ रही थी, लेकिन उनका नंबर नहीं आ रहा था। ऐसी दशा में जब मंगलवार को भी जब उनका नंबर नहीं आया तो उनके साथ आए परिजनों ने हंगामा मचाना आरंभ कर दिया। करीब 58 महिलाएं आपरेशन करवाने पहुंची थी। अस्पताल प्रशासन को हंगामा शांत करने के लिए सभी महिलाओं के पंजीयन कर आपरेशन करना पड़ा। महिलाओं के आपरेशन करीब 8 बजे तक चलते रहे। जिला अस्पताल में नसबंदी करने वाले चिकित्सक न होने से उज्जैन से चिकित्सक को बुलाकर आपरेशन करवाए जाते हैं। मंगलवार को उज्जैन से आए डॉ. डीसी माहडिक ने आपरेशन किए।
आपरेशन करने के लिए सर्जन की उपलब्धता नही हो पा रही थी इस कारण ज्यादा महिलाओं का पंजीयन नही किया गया सर्जन के आने की पुष्टि होने पर सभी महिलाओं के पंजीयन कर उनके आपरेशन कर दिए गए है।
एसके पालीवाल, सीएस जिला अस्पताल आगर
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