न्यू यार्क। भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया। सुषमा ने यूएन में हिंदी में भाषण दिया। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा कि उठाया आतंकवाद का मुद्दा। उन्होंने कहा कि आतंकवाद मानवाधिकार का सबसे बड़ा उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि आखिर इन आतंकवादियों को कौन पनाह और हथियार दे रहा है। उन्होंने कहा कि कश्मीर और जम्मू भारत का अभिन्न हिस्सा है। हमने पाकिस्तान के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ाया तो हमें पठानकोट और उरी मिला है।
सुषमा ने कहा कि एक साल पहले मैंने यहीं भाषण दिया था लेकिन एक साल में दुनिया में बहुत कुछ बदल गया है। उन्होंने कहा कि यहां अनेक मुद्दों पर चर्चा हुई है। मैं आज गरीबी के बारे में कहना चाहूंगी। उन्होंने कहा कि स्त्री-पुरुष के बीच लैंगिक समानता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत ने इस मुद्दे का बीड़ा उठाया है। कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और रहेगा, पाक इसको अलग करने का ख्वाब देखना छोड़ दे। पाकिस्तान के खिलाफ हमारे पास बहादुर अली के रुप में जिंदा सबूत हैं।
मित्रता के आधार पर हमनें पाकिस्तान से संबंध सुधारने की कोशिश की, हमने शपथ ग्रहण में बुलाया, मैं पाकिस्तान गई, पीएम मोदी गए क्या हमनें कोई शर्त रखी थी। सुषमा ने पाक को कश्मीर मुद्दे पर जवाब देते हुए कहा कि जिनके घर शीशे को हों वह पत्थर ना उछालें, बलूचिस्तान में क्या हो रहा है। बलूचिस्तान में मानवाधिकार हनन की पराकाष्ठा है।
जो आतंक ना रोके उसे अलग थलग करे दुनिया,आतंकवाद खत्म करने के लिए हमें आपसी मतभेद भुलाकर एक साथ आना होगा, पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए सुषमा बोलीं-कुछ देश आतंक बोते हैं, उगाते हैं, काटते है तो आतंकवाद और निर्यात भी आतंकवाद करते हैं। छोटे छोटे आतंकी गुट राक्षस बन गये। आतंकवाद को पनाह कहां से मिलती है? हथियार कहां से मिलती है।
सुषमा ने कहा कि योग को पूरी दुनिया ने अपनाया इसके लिए शुक्रिया, जलवायु परिवर्तन दुनिया के सामने गंभीर समस्या, शांति के बिना विकास की बात नहीं, मेक इन इंडिया के जरिए हम रोजगार दे रहे हैं, भारत सरकार ने दो साल में 4 लाख शौचालय बनाए, आर्थिक मंदी के दौर में भी भारत विश्व में सबसे तेज गति से आगे बढऩे वाली अर्थव्यवस्था बनी है।
स्वच्छता के लिए हमने स्वच्छ भारत अभियान शुरु किया है, लिंग समानता के लिए बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ योजना शुरु की गई है। हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती है विश्व के कोने-कोने से गरीबी मिटाना।
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