नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सहारा गु्रप के उस दावे पर सवालिया निशान लगा दिया हैं जिसमें गु्रप ने कहा था कि उसने निवेशकों के 25,000 करोड़ रुपए लौटा दिए हैं। कोर्ट ने समूह से कहा कि वह राशि जुटाने के स्रोतों का खुलासा कर पाक-साफ होकर सामने आए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि (भुगतान की) यह बात हजम करना मुश्किल है, क्योंकि इतनी बड़ी राशि ऊपर से नहीं गिरी होगी।

मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘आप बताए कि इस पैसे का स्रोत क्या है? क्या आपको अन्य कंपनियों और अन्य योजनाओं से 24,000 करोड़ रुपए मिले? बैंक खातों से यह राशि निकाली? या फिर संपत्ति बेचकर यह राशि जुटाई? यह इन तीनों में से किसी एक माध्यम से होगी। पैसा ऊपर से नहीं गिरता। आपको बताना होगा कि यह धन आपको कहां से मिला। पीठ में सहारा समूह के वकील से कहा, ‘हमें आपके मुवक्किल की निवेशकों को करोड़ों रुपए लौटाने की क्षमता पर शक नहीं है। वह भी सिर्फ दो महीने में नकद भुगतान। लेकिन, आप इस धन का स्रोत बताएं, उसके बाद भानुमति का पिटारा खोलने की जरूरत नहीं पड़ेगी।’

इस पीठ ने कहा, ‘आप हमें दस्तावेज दिखाएं। अन्य योजनाओं में कैसे धन पड़ा है।’ सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह आपका दावा है। सेबी का काफी सरल सवाल है। हमें बताएं कि आपको पैसा कहां से मिला। आप हमें बताएं हम मामला बंद कर देंगे। आप बताएं कि आपने 25,000 करोड़ रुपए नकद कैसे जुटाए।
सिब्बल ने कहा कि समूह किसी तरह की भी जांच के लिए तैयार है। यदि यह माना जाए कि यह कालाधन था तो भी समूह की जांच की जा सकती है, लेकिन यदि यह कालाधन है तो सेबी जांच करने वाला कौन है। यह आयकर विभाग का मामला है। हालांकि, इस पर पीठ ने कहा कि यह उद्योग घराने को बताना है कि धन का स्रोत क्या है। क्या यह हिसाबी धन है या बेहिसाबी धन है।’ यह आपके बैंक खाते में पड़ा था या फिर आपकी अन्य योजनाओं से आया है।
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