मुंबई। नोटबंदी की प्रक्रिया के परिचालन में कुप्रबंधन और सरकार की ओर से करेंसी के संयोजन हेतु अलग से अफसर की नियुक्ति कर केंद्रीय बैंक की स्वायत्ता पर चोट पहुंचाई गई है। इस कुप्रबंधन के चलते आरबीआई की स्वायत्तता और छवि को इतना ज्यादा नुकसान पहुंचा है कि उसे ठीक कर पाना आसान नहीं है। ये बातें भारतीय रिजर्व बैंक के कर्मचारियों ने गवर्नर उर्जित पटेल को लिखी चि_ी लिख में कही है। चि_ी में कर्मचारियों ने लिखा है कि नोटबंदी के बाद के घटनाक्रमों से वो खुदको अपमानित महसूस कर रहे हैं।
आरबीआई की छवि को भी धक्का
पत्र में यूनाइटेड फोरम ऑफ रिजर्व बैंक ऑफिसर्स एंड एम्पलॉइज ने कहा है कि रिजर्व बैंक की स्वतंत्रता और दक्षता वाली छवि यहां के कर्मचारियों की ओर से की गई मेहनत के कारण बनी थी, लेकिन इन सब को एक झटके में खत्म कर दिया गया। यह हमारे लिए बहुत ही दुखद है।
इन संगठनों ने लिखा पत्र
पटेल को लिखे पत्र में रिजर्व बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन के समीर घोष, ऑल इंडिया रिजर्व बैंक वर्कर्स फेडरेशन के सूर्यकांत महादिक, ऑल इंडिया रिजर्व बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के सीएम पॉलसिल और आरबीआई ऑफिसर्स एसोसिएशन के आरएन वत्स के दस्तखत हैं, जिसमें से महादिक और घोष ने पत्र लिखने की पुष्टि की है। बकौल घोष यह फोरम 18,000 केंद्रीय कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करता है।
ये दिग्गज भी उठा चुके हैं सवाल
इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री और आरबीआई के गवर्नर रह चुके मनमोहन सिंह, आरबीआई गवर्नर वाईवी रेड्डी और विमल जालान ने आरबीआई के काम काज के तरीकों पर सवाल उठाया था।
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