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खरगोन

महेश्वर परियोजना को फिर लगेंगे पंख

पहली बार मंडलेश्वर साइट पर हुई एन्युअल जनरल मीटिंग, मैराथन रूप से हुई बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स

खरगोनDec 31, 2016 / 03:50 am

Editorial Khandwa

Representatives of the project site to monitor the

Representatives of the project site to monitor the lender.

खरगोन/मंडलेश्वर. मध्यप्रदेश सरकार की महती महेश्वर जल विद्युत परियोजना को फिर पंख लग सकते हैं। शुक्रवार परियोजना के लिए यादगार साबित हुआ। इस दिन यहां पहली बार एन्युअल जनरल मीटिंग (एजीएम), बोर्ड ऑफ डायरेक्टर और लैंडर्स की मीटिंग हुई। पांच घंटे तक मैराथन रूप सें चली बैठकों के बाद परियोजना से जुड़े और पीएफसी के अफसरों पर चेहरे पर नजर आई खुशी से यह स्पष्ट हो गया कि परियोजना जल्द ही शुरू हो जाएगी। परियोजना को फायनेंस कर रही कंपनियों के प्रतिनिधियों ने परियोजना के एक-एक चप्पे का निरीक्षण किया। भौतिक सत्यापन के बाद सभी लैंडर्स कंपनी में पैसा लगाने को राजी दिखे। इस मौके पर बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में सीईओ पीसी पंकज, डायरेक्टर फायनेंस पीके वाजपेयी, परियोजना के कंपनी सेकेट्री निर्भय गोयल, पीएफसी के एक्जीक्यिूटिव डायरेटर पात्रा, जनरल मैनेजर पीके सिन्हा, सीनियर मैनेजर फारुखी एवं प्रवीण भास्कर आदि मौजूद थे।

महत्वपूर्ण रहा 2016
2011 से बंद पड़ी परियोजना के लिए इस साल की शुरुआत से अचानक प्रकाश में आई। परियोजना में काम कर रहे कर्मचारियों को जब वेतन मिलना बंद हुआ तो कर्मचारियों ने अपने वेतन के लिए डेढ़ माह तक लंबा आंदोलन किया। इस आंदोलन के बाद कंपनी के प्रमोटर और एस. कुमार्स के डायरेक्टर मुकुल कासलीवाल के हाथ से परियोजना का संचालन छिन गया। इसी आंदोलन के बाद सरकार और प्रमुख फायनेंसर पावर फायनेंस कार्पोरेशन जागा और परियोजना को फिर शुरू करने की कवायद शुरू हुई।

नए साल में चालू होगा काम
शुक्रवार को मंडलेश्वर में परियोजना स्थल पर हुई त्रिस्तरीय बैठक के बाद पीएफसी अफसरों ने स्पष्ट किया कि 2017 में परियोजना का काम शुरू कर दिया जाएगा। इसी के चलते पहली बार एजीएम परियोजना स्थल पर आयोजित की गई। इस मौके पर आए सभी ऋणदाता कंपनियों के प्रतिनिधियों को फिजिकल विजिट कराकर यह अहसास करा दिया गया कि परियोजना किसी भी समय शुरू की जा सकती है। परियोजना को शुरू करने को लेकर पावर मिनिस्ट्री और केंद्र सरकार भी प्रतिबद्ध है।

इन कंपनियों के प्रतिनिधि पहुंचे
मंडलेश्वर 400 मेगावॉट विद्युत उत्पादन परियोजना के ऋ णदाताओं में शामिल पॉवर फायनेंस कारपोरेशन, आरईसी, हुडको, एलआयसी, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी, देना बैंक, सेंट्रल बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, आईएफसीआई, स्टेट आदि के प्रतिनिधि एवं शीर्ष अधिकारी मौजूद भौतिक सत्यापन के लिए शुक्रवार को परियोजना स्थल पर पहुंचे। इनके साथ पीएफसी और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने करीब दोघंटे तक मीटिंग की। इसके बाद प्रतिनिधियों ने डेम, पावर हाउस, पावर डेम, स्पीलवे आदि का निरीक्षण किया।

यह भी हुआ
कर्मचारी बोले हम साथ हैं: पिछले दिनों कर्मचारियों द्वारा किए गए आंदोलन के बाद अफसरों से कर्मचारियों ने कहा हम प्रोजेक्ट के साथ हैं। जो भी कंपनी परियोजना को आगे बढ़ाएगी हम कांधे से कांधा मिलाकर साथ हैं।

युवाओं को मिलेगा रोजगार: कंपनी से हटाए गए 16 सिक्युरिटी कर्मचारियों को अफसरों ने 5 जनवरी तक बहाल किए जाने का आश्वासन दिया। बताते चलें कि यह कर्मचारी परियोजन से डूब में आ रहे गांवों के युवा हैं।

बदल सकती है पीएससी भूमिका: प्रमुख ऋणदाता ने पीएफसी परियोजना को पूरी तरह अपने हाथ में ले सकती है। पहले पीएफसी परियोजना में फायनेंसर के रूप में काम कर रहा था, लेकिन अब एस. कुमार्स के शेयर उसके पास हैं।

जल्द चालू होगा प्रोजेक्ट
पीसी पंकज, सीईओ महेश्वर परियोजना, मंडलेश्वर का कहना है कि ऋ णदाता समूह चाहता है कि प्रोजेक्ट शीघ्र आए। यह क्षेत्र की जनता, डूब प्रभावित लोगों और कर्मचारियों के हित में होगा। परियोजना के लिए जल्द ही फंड की व्यवस्था कर ली जाएगी।

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