बेंगलूरु। कावेरी जल विवाद को लेकर कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच विवाद हिंसक होने के बाद अब बेंगलूरु के 16 पुलिस थानों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। हालात संभालने के लिए 15000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। इससे पहले कल बेंगलूरु के राजगोपाल नगर में पुलिस फायरिंग में एक शख्स की मौत हो गई। प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को शहर 105 से अधिक बसों में आग लगा दी थी। कर्नाटक में मौजूद तमिलनाडु नंबर वाली गाडिय़ों को भी कई जगहों पर निशाना बनाया गया। राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने लोगों से शांति की अपील की है। उन्होंने जयललिता को चिट्ठी लिखकर तमिलनाडु में कर्नाटक के लोगों को सुरक्षा मुहैया कराने को भी कहा है।
प्रधानमंत्री मोदी की अपीलउधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें इससे दुख पहुंचा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हिंसा से किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो सकता। उन्होंने दोनों राज्यों (कर्नाटक और तमिलनाडु) के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने अपनी अपील में कहा कि कावेरी पानी के बंटवारे पर जिस तरह के हालात कर्नाटक-तमिलनाडु में बने हैं, वो बहुत दुखद हैं। मुझे व्यक्तिगत पीड़ा है। किसी भी समस्या का हल हिंसा के द्वारा नहीं निकाला जा सकता। लोकतंत्र में समाधान संयम और आपसी बातचीत से ही निकलता है। इस विवाद का हल कानून की परिधि में ही संभव है। कानून तोड़ना विकल्प नहीं है। पिछले दो दिन से जिस तरह की हिंसा और आगजनी हो रही है उसमें नुकसान किसी गरीब का ही हो रहा है, हमारे देश की ही संपत्ति का हो रहा है।
वेंकैया ने भी शांति बनाए रखने के लिए कहा वहीं केन्द्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने कावेरी जल बंटवारे पर उच्चतम न्यायालय के आदेश के मद्देजनर कर्नाटक और तमिलनाडु में भड़की हिंसा को तत्काल रोकने के लिए वहां के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। नायडू ने आज यहां जारी एक बयान में दोनों राज्यों की जनता के साथ ही वहां की सरकारों और राजनीतिक दलों से भी अपील की कि वह हिंसा पर काबू करें और एक दूसरे के राज्य में रहने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। उन्होंने हिंसक घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसी हिंसा और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने से कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब हो रही है, जिससे आखिर में आम आदमी का जीवन ही प्रभावित हो रहा है। उन्होंने मौजूदा हालात पर खबरें देते समय मीडिया से भी संयम बरतने की अपील की।
उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं से जुड़ी खबरों को बढ़ा-चढ़ा कर दिखाने से हालात और उग्र रुप ले सकते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों राज्यों में हालात सामान्य बनाने में मीडिया रचनात्मक भूमिका निभाएगा। सूचना प्रसारण मंत्री ने कहा कि इसमें कोई संशय नहीं है कि पानी एक संवेदनशील मुद्दा है। खासकर ऐसे समय में जब इसकी भारी किल्लत हो,लेकिन ऐसे विवाद को बातचीत के जरिए सुलझाया जाना चाहिए। कावेरी जल विवाद उच्चतम न्यायालय के विचाराधीन है। उसने इस मामले में दोनों राज्यों की दलीलें सुनने के बाद ही अपना आदेश दिया है। यदि इसके बाद भी ये राज्य संतुष्ट नहीं है तो वह मिलकर इस पर आगे बात कर सकते हैं।
सोशल मीडिया ने भड़काई आगबेंगलुरु में हुई आगजनी की घटना के पीछे सोशल मीडिया का हाथ है। दरअसल एक युवक ने कन्नड़ और तमिल अभिनेताओं की तुलना करते हुए एक पोस्ट की थी। युवक ने कन्नड़ अभिनेताओं के बारे में अपमानजक टिप्पणी की थी। वहीं दक्षिण बेंगलुरु के कुछ युवकों इस युवक जे संतोष को पहचान लिया। इसके बाद उसके साथ मारपीट की गई। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर डाल दिया गया, जिससे तमिलनाडु में गुस्सा भड़क गया। इसके बाद चेन्नई में कन्नड़ लोगों के प्रतिष्ठानों पर हमले हुए। कुछ ही घंटों बाद इसकी प्रतिक्रिया में बेंगलुरु में तमिल लोगों की दुकानों और संपत्तियों पर भी हमले शुरू हो गए।
उधर, मैसूर और बेंगलुरु में तमिलनाडु की गाडिय़ों में तोडफ़ोड़ और आगजनी किए जाने के बाद शहर में बड़े समूहों के जमावड़े पर रोक के लिए धारा 144 लगा दी गई है। तमिलनाडु तक जाने वाली बस सेवाएं भी फिलहाल रोक दी गई हैं। देर रात पुलिस के फायरिंग में एक शख्स की मौत हो गई। प्रदर्शनकारियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दे दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा है कि तमिलनाडु में अपनी समकक्ष जयललिता को पत्र लिखकर वे दोनों राज्यों के बीच मैत्री कायम रखने में सहयोग करने का अनुरोध करेंगे। तमिलनाडु स्थित एक होटल पर कुछ अज्ञात लोगों ने पेट्रोल बम से हमला किया। होटल कर्नाटक के किसी व्यवसायी का बताया जा रहा है। कर्नाटक के गृहमंत्री जी परमेश्वर ने कहा है कि बेंगलुरु समेत कर्नाटक के उन इलाकों में पुलिस बल तैनात किया गया है, जहां तमिल लोग बड़ी संख्या में रहते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने बदला आदेशबता दें कि दोनों राज्यों के बीच तब तनाव बढ़ गया जब पिछले हफ्ते कर्नाटक को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह कावेरी नदी से तमिलनाडु के लिए अगले दस दिन तक रोजाना 15 हजार क्यूसेक पानी छोड़े। कावेरी दोनों ही राज्यों से होकर गुजरती है। वहीं सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक की उस याचिका पर सुनवाई की जिसमें राज्य ने कहा था कि वह 15 हजार क्यूसेक पानी नहीं छोड़ पाएगा। इस पर कोर्ट ने अपने आदेश में बदलाव करते हुए कर्नाटक से 20 सितंबर तक हर दिन 12 हजार क्यूसेक पानी छोडऩे के लिए कहा है। आदेश में किए गए इस बदलाव से कर्नाटक को तो कोई राहत नहीं मिली, इसके उलट तमिलनाडु को अब और अधिक पानी मिलेगा।
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