script गांधी जयंती: सवा लाख कीलों से तीन साल में उभरे अहिंसा के पुजारी | Artist of Wajid Khan Moke Gandhi Jayanti to work at IIM Indore Selbret | Patrika News
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 गांधी जयंती: सवा लाख कीलों से तीन साल में उभरे अहिंसा के पुजारी

कीलों से पेंटिंग बनाने के लिए पेटेंट पा चुके आर्टिस्ट वाज़िद खान द्वारा बनाए गाए गांधी जी के पोर्ट्रेट को दस साल पूरे होने के अवसर पर एवम् गांधी जयंती के मोके पर आइआइएम इंदौर उनके आर्ट वर्क को सेलब्रेट करने जा रहा है।

इंदौरOct 02, 2015 / 12:52 pm

इंदौर ऑनलाइन

Gandhi Jayanti

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इंदौर. कीलों से पेंटिंग बनाने के लिए पेटेंट पा चुके आर्टिस्ट वाज़िद खान द्वारा बनाए गाए गांधी जी के पोर्ट्रेट को दस साल पूरे होने के अवसर पर और गांधी जयंती के मोके पर आइ आइ एम इंदौर उनके आर्ट वर्क को सेलब्रेट करने जा रहा है।

आर्टिस्ट वाज़िद खान साहब की ज़ुबा में कहे तो गांधी जी के पोर्ट्रेट ने उनकी पूरी ज़िंदगी बदल दी, उनका नेल आर्ट शून्य से शुरू हुआ था जो की अब एक बहुत बड़ा मुक़ाम बन गया है, इस नेल आर्ट को बनाने के लिए उन्हें पूरे तीन साल लगे, वह नेल आर्ट बना रहे थे तब उन्हें भी उम्मीद नहीं थी कि वह आर्ट वर्क इतना सराहनीय व नायाब होगा, इस नेल आर्ट को बनाने के लिए तक़रीबन सवा लाख कीलों का इस्तेमाल किया गया है, उन्होंने कभी इस पोर्ट्रेट को नहीं बेचा क्यूँकि इस पोर्ट्रेट ने उनका पूरा जीवन परिवर्तित कर दिया, उन्होंने कीलों के अलावा बंदूक़ की गोलियों से भी गांधी जी का पोर्ट्रेट बनाया है, वह कहते है कि हिंसा ओर अहिंसा के दो सबसे बड़े प्रतीक बंदूक़ (हिंसा) और गांधी जी (अहिंसा) है।


एक तारीख़ को आइ आइ एम इंदौर द्वारा आयोजित कार्यक्रम “उड़ान” में उन्होंने क्रीएटिविटी पर वर्क्शाप भी ली, और २ अक्टूबर को होने वाले कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भी है।




यहां देखें कीलों से पेटिंग का लाइव वीडियो:-

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