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होशंगाबाद

जानिए, क्यों रेल यात्रा के दौरान डॉक्टर अपनी पहचान छिपाते हैं

जिले के सरकारी और प्राइवेट डॉक्टर ट्रेनों में रियासती टिकट पर यात्रा
नहीं करते। जबकि रेलवे उन्हें स्लीपर से लेकर एसी की सभी श्रेणियों के
किराए में 10 प्रतिशत की छूट देता है।

होशंगाबादJul 14, 2016 / 10:24 am

Sanket Shrivastava

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अमित शर्मा @ होशंगाबाद।
जिले के सरकारी और प्राइवेट डॉक्टर ट्रेनों में रियासती टिकट पर यात्रा नहीं करते। जबकि रेलवे उन्हें स्लीपर से लेकर एसी की सभी श्रेणियों के किराए में 10 प्रतिशत की छूट देता है। छूट लेने की प्रक्रिया भी आसान है। आप कहेंगे ऐसा क्यों? जवाब है, यदि कोई डॉक्टर रियायती टिकट पर रेल यात्रा करे, तो यात्रा के दौरान जरूरत पडऩे पर रेलवे इनकी सेवाएं ले सकता है। यात्रा के दौरान कोई मरीज बीमार हो जाए, तो उसका इलाज करना पड़ सकता है। इसी झंझट से बचने के लिए डॉक्टर अपनी पहचान छिपाकर आम यात्रियों की तरह पूरा किराया देकर टिकट खरीदते हैं और रेल यात्रा करते हैं।

एक साल में छह डॉक्टरों ने लिया लाभ
रेलवे से मिले आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल 2015 से मार्च 2016 तक सिर्फ छह डॉक्टरों ने ही रेल यात्रा किराए में मिलने वाली छूट का लाभ उठाया। इनमें भी होशंगाबाद स्टेशन की टिकट विंडो से एक भी डॉक्टर ने रियायती टिकट नहीं खरीदा। भोपाल डीआरएम कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक भोजपा डिवीजन में एक साल के अंदर सिर्फ 23 डॉक्टरों ने रेल यात्रा के दौरान 10 फीसदी छूट ली।

…और ये बोले डॉक्टर
जिला अस्पताल के डॉ.राजेश माहेश्वरी कहते हैं, कोई भी डॉक्टर किसी का उपचार करने से नहीं डरता। यह उसकी ड्यूटी है, लेकिन रेल यात्रा के दौरान ट्रेनों में जीवनरक्षक दवाएं नहीं होती हैं। न ही कोई डॉक्टर अपने सभी चिकित्सा उपकरण साथ लेकर चल सकता है। ऐसे में किसी का उपचार करें भी तो कैसे? एक अन्य निजी चिकित्सक ने यहां भी अपनी पहचान छिपाने की शर्त रख दी और बोले, पहले रेलवे को ट्रेनों में जीवनरक्षक दवाएं और चिकित्सा उपकरण की व्यवस्था करनी चाहिए। यात्रा के दौरान किसी का इलाज करते समय कोई विवाद हो जाए, तब भी तो समस्या है। इसी तरह एक अन्य चिकित्सक ने कहा, इसमें पहचान छिपाने जैसी कोई बात नहीं है। जरूरत पडऩे पर कोई भी डॉक्टर किसी का इलाज करने से पीछे नहीं हटता।

कितनी आसान है प्रक्रिया
किसी भी डॉक्टर के लिए रेल किराए में छूट लेने की प्रक्रिया बेहद आसान है। स्लीपर से लेकर अन्य किसी भी श्रेणी के कोच में यात्रा करने के लिए किसी डॉक्टर को रिजर्वेशन (आरक्षण) फार्म के साथ एमबीबीएस अथवा इसके समकक्ष की डिग्री की फोटोकॉपी लगानी पड़ती है। फार्म में ऊपर दिए कॉलम में सही का निशान लगाना होता है। कॉलम में पूछा जाता है कि ‘यदि आप डॉक्टर हैं तो हां लिखें।

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