इस वर्ष
दीपावली 11 नवंबर बुधवार को होगी। उस दिन सूर्य और बुध की युति बनने से दीपावली पर बुध-आदित्य योग बन रहा है। बुधादित्य को ज्योतिष में राजयोग का कारक माना जाता है। इस दौरान किए गए कार्य से निश्चित ही सिद्धि प्राप्त होती है। साथ ही इस बार 131 साल बाद गुरु, सिंह और राहु कन्या राशि में रहेंगे। ज्योतिषियों और तंत्र विशेषज्ञों के अनुसार दीवाली पर इस योग का बनना लक्ष्मी प्राप्ति के साथ-साथ तांत्रिक अनुष्ठानों के लिए भी बेहद शुभ माना जाता है। इससे पहले ग्रहों की यह स्थिति 1884 में बनी थी और आगे भविष्य में यह 2145 में बनेगी।
ज्योतिषीयों के अनुसार
दीपावली की पूजा विशाखा नक्षत्र में होगी। इस नक्षत्र का स्वामी गुरु है, जिसके कारण इस बार मां लक्ष्मी पूजन का विशेष फल प्राप्त होगा। लक्ष्मी पूजन का श्रेष्ठ समय दीपावली पर शाम 5.43 से 7.38 बजे तक रहेगा।
ये भी पढ़ेः दीपावली की रात को किए जाते हैं ये 11 अचूक टोने-टोटकेये भी पढ़ेः मंगल पुष्य में करें दीपावली की खरीददारी, बरसेगा धनइस बार ऐसा रहेगा दीपावली का पर्वधनतेरस (9 नवंबर) – को धन के देवता कुबेर की पूजा के साथ ही दीपावली का पर्व शुरू होगा। इस दिन शुभ मुहूर्त में खरीददारी कर लोग अपने भाग्य को जगाएंगे।
रूप चौदस (10 नवंबर) – इसे छोटी दीवाली के रूप में भी पूजा जाता है। रूप चौदस को दीप दान के साथ रूप निखारने का पर्व रूप चौदस हर्षोल्लास से मनाया जाएगा।
दीपावली (11 नवंबर) – को दीपावली पर धन की देवी महालक्ष्मी का विधि-विधान से पूजन किया जाएगा। घर आंगन में दीप सज्जा कर जमकर आतिशबाजी की जाएगी।
गोवर्धन पूजा (12 नवंबर) – को गोवर्धन पर्वत के साथ गाय की भी पूजा की जाएगी। उत्तरी भारत में इस दिन अन्नकूट बनाकर बांटने का भी रिवाज है।
भाई दूज (13 नवंबर) – को भाई और बहन के स्नेह का पर्व भाई दूज मनाया जाएगा। इस दिन बहन भाई की लंबी उम्र तथा सौभाग्य के लिए उसकी आरती उतारकर तिलक करेगी।
Hindi News / Astrology and Spirituality / Horoscope / 131 वर्ष बाद बना दीवाली पर बुधादित्य योग, लक्ष्मी-पूजन का है यह मुहूर्त