ग्वालियर। जिले में चल रहे दसवीं और बारहवीं के मूल्यांकन के लिए कई विषयों के मूल्यांकनकर्ता ही नहीं हैं। एेसे में इन विषयों का मूल्यांकन ही शुरू नहीं हो पाया है। आलम यह है कि प्रथम चरण में डेढ़ लाख से अधिक कॉपियां चेक होनी हैं और अभी तक महज 32 हजार ही कॉपियां चेक हो पाई हैं। अगर यही हाल रहा तो समय पर कॉपियां कैसे चेक हो पाएंगी, यह समझ के बाहर बना हुआ है।
माशिमं ने मूल्यांकन कार्य में शासकीय और अनुदानित स्कूलों के शिक्षकों को ही शामिल करने का आदेश दिया है। लेकिन जिले की बात करें तो शासकीय स्कूलों में कई विषयों के शिक्षक नहीं हैं। जिसके कारण इन विषयों की कॉपियों का मूल्यांकन नहीं हो पाएगा। इसमें कृषि, विशिष्ट संस्कृत, विशिष्ट अंग्रेजी, कॉमर्स आदि विषय शामिल हैं। गौरतलब है कि शासकीय स्कूलों में इन विषयों के शिक्षक नहीं होने पर अतिथि शिक्षकों से काम चलाया जा रहा है।
मूल्यांकन कार्य ने नहीं पकड़ी गति
दसवीं और बारहवीं के मूल्यांकन कार्य ने अभी तक गति नहीं पकड़ी है। वर्तमान में 400 में से 304 मूल्यांकनकर्ता ही उपस्थित हो रहे हैं। जिसके कारण मूल्यांकन कार्य धीमी गति से चल रहा है। दसवीं की 1 लाख 11 हजार कॉपियों में से अभी 21 हजार 777 और बारहवीं की 46 हजार 952 में से 10 हजार 753 कॉपियां ही चेक हो पाई हैं। प्रथम चरण के तहत 4 अप्रैल तक सभी कॉपियां जांचना हैं। अगर यही स्थिति रही तो समय पर कॉपियां चेक नहीं हो पाएंगी। हालांकि शिक्षा विभाग के अधिकारी जरूरत पडऩे पर निजी स्कूलों के शिक्षकों से भी मूल्यांकन कार्य कराने की बात कह रहे हैं।
“जिले के शासकीय स्कूलों में जो शिक्षक उपलब्ध हैं पहले उन्हें बुलाया गया है। लेकिन जिन विषयों के शिक्षक शासकीय स्कूलों में नहीं हैं उनके लिए निजी स्कूलों के शिक्षकों की मदद ली जाएगी। प्रथम चरण का मूल्यांकन कार्य समय पर पूर्ण करने की कोशिश कर रहे हैं।”
पुष्पा ढोड़ी, प्राचार्य, पद्माराजा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय
इधर, 18 मूल्यांकनकर्ताओं को नोटिस
दसवीं और बारहवीं का पद्माराजा विद्यालय में चल रहे मूल्यांकन कार्य का सहायक कलेक्टर अरुण विश्वकर्मा ने रविवार को निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान यहां 18 मूल्यांकनकर्ता अनुपस्थित मिले। उन्होंने इन सभी को नोटिस जारी करने के निर्देश डीईओ को दिए।
मूल्यांकन कार्य की स्थिति का जायजा लेने दोपहर में सहायक कलेक्टर अरुण विश्वकर्मा पद्माराजा स्कूल पहुंचे। यहां जांच पड़ताल पर पता चला कि जो मूल्यांकनकर्ता शनिवार को आए थे उसमें से 18 अनुपस्थित हैं। इस पर उन्होंने विद्यालय की प्राचार्य पुष्पा ढोड़ी से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि सभी बगैर सूचना के अनुपस्थित हैं।
सहायक कलेक्टर ने नाराजगी जताते हुए लापरवाही बरतने पर सभी को नोटिस जारी करने के निर्देश शिक्षा विभाग को दिए। वर्तमान में 400 से 304 मूल्यांकनकर्ता ही उपस्थित हो रहे हैं, जिसके कारण मूल्यांकन कार्य प्रभावित हो रहा है। इस पर पर भी उन्होंने सभी प्राचार्यों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए जिन्होंने शिक्षकों को अभी तक रिलीव नहीं किया है। इसके साथ ही उन्होंने कार्य में लापरवाही बरतने वालों पर सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।
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